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टप्पल में हिन्दुओं के पलायन पर सांसद की चेतावनी, कहा “ऐसा सबक सिखाएंगे बहन बेटियों की बारात रोकना दूर, देखेंगे भी नहीं”

अलीगढ़: टप्पल थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाँव नूरपुर के हिन्दू परिवार दूसरे समुदाय द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न के चलते मकानों को बेचकर पलायन करने को मजबूर हो गए है। फलाना दिखाना(नियो पोलिटीको) ने इसे प्रमुखता से कवर किया। परिणामतः शासन और प्रशासन ने मामले में संज्ञान लिया और दोषियों के विरुद्ध गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

वकील, कलुआ, मुस्तकीम, सरफू,अन्सार, सोहिल, फारूख, अमजद, तौफीक, सहजोर, और लहरू (कुल मिलकर 11 लोग) पर SC-ST Act समेत धारा 120-B, 147, 323, 504, 506, 336, 341, और 427 के तहत एफआईआर दर्ज़ की गयी है। मुकदमा दर्ज़ कर पुलिस गिरफ़्तारी के प्रयास कर रही है। हालाँकि खबर लिखे जाने तक 11 में से एक भी आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं हुई थी।

“ऐसा सबक सिखाएंगे की बारात की तरफ देखने की हिम्मत नहीं करेंगे”

पलायन की खबर सुनकर अलीगढ के एसडीएम और सीओ ने नूरपुर गांव का दौरा कर लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया तथा आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही। साथ ही अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम, हाथरस सांसद राजवीर सिंह दिलेर, खैर विधायक अनूप प्रधान और भाजपा जिलाध्यक्ष चौ. ऋषिपाल सिंह समेत भाजपा नेता गांव नूरपुर पहुंचे। सांसद सतीश गौतम ने कहा कि समुदाय विशेष के चंद लड़कों ने जो उत्पात मचाया है, उन्हें ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि कल किसी बहन-बेटी की बरात चढ़े तो उसे रोकना दूर, बरात की तरफ देखने की हिम्मत न पड़े।

दरअसल नूरपुर गाँव के बहुसंख्यक मुस्लिम सार्वजनिक रास्तों से दलितों को डीजे बजाने और बारात नहीं ले जाने देते। गाँव के दलितों के लिए गालिया और जातिसूचक शब्द का प्रयोग करते है। पिछले वर्षों में दलितों के साथ मारपीट और गाली गलौज की कई घटनाएं हुई। जहाँ महिलाओं और बहन बेटियों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया था।

ताज़ा मामला 26 तारीख को एक बारात को न गुजरने देने को लेकर है। जहाँ ओम प्रकाश जाटव के यहाँ दो लड़कियों की शादी थी। बारात डीजे के साथ ओम प्रकाश के घर की तरफ बढ़ रही थी। जब बारात गांव के मस्जिद के पास से गुजरने लगी तभी मुस्तकीम, सरफू कलुआ और उनके साथियों की भीड़ ने बारात पर हमला कर दिया। हमले और पथराव से कई बराती-घराती घायल हो गए। जिसकी तहरीर पीड़ित हिन्दू दलितों ने टप्पल थाने में भी दी थी। लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उल्टे पीड़ितों पर लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन का केस लगा दिया गया। पिछले महीनों से लगातार कई शादियों में बारात ले जा रहे दलितों पर हमला हुआ और उनकी गाड़ियों पर पथराव भी किया गया।

महिलाओं ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया है कि दूसरे समुदाय के लोग उनको जातिसूचक शब्द कहते हैं और, उनपर अश्लील टिप्पणियां करते हैं। महिलाएं घरों से बाहर निकलती है तो मुस्लिम समुदाय के लोग उनपर टिप्पणियां करते है। रास्तों से जाने नहीं देते हैं। वे अपने खेतों और जंगलों में भी नहीं जा पाती हैं। इसी कारण वे लोग अपना मकान बेचकर पलायन करना चाहती हैं।

शासन-प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लिया है तथा आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही पीड़ितों को पलायन न करने के लिए समझाया गया है।

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Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.

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