खूंटी: झारखंड में यौन शोषण का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।
दरअसल यहां एक गैर सरकारी संगठन के निदेशक परवेज आलम को ‘सब्र की परीक्षा’ करने के बहाने आदिवासी नर्सिंग छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
खूंटी जिले के तिरला में स्थित एक एनजीओ संचालित नर्सिंग संस्थान की कई छात्राओं ने निदेशक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। पीड़ितों के अनुसार, संस्थान के निदेशक बबलू उर्फ परवेज आलम छात्राओं को छूता था और उनकी सहनशीलता की परीक्षा लेने के बहाने उनके कपड़ों में हाथ डालता था।
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उन्होंने कहा कि कई नर्सिंग प्रशिक्षुओं को लंबे समय तक निशाना बनाया था। छात्रों द्वारा एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ उसके व्यवहार को साझा करने के बाद उत्पीड़न सामने आया।
छात्राओं द्वारा दी गई एक मौखिक शिकायत के आधार पर, सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी बाखला ने राज्यपाल को पत्र लिखा। इसके बाद, खंड विकास अधिकारी (BDO) के तहत एक जांच शुरू की गई और स्थानीय महिला थाने की एक टीम ने संस्थान का दौरा किया।
40 आदिवासी छात्राओं के साथ वहीं के निदेशक बबलू उर्फ परवेज आलम द्वारा सहनशीलता टेस्ट के नाम पर शारीरिक शोषण का शिकार बनाने की शिकायत मिली थी। मामला समाजसेवी के माध्यम से पुलिस प्रशासन तक पहुंचा था।
जांच टीम ने खूंटी एसपी आशुतोष शेखर को उनके निष्कर्षों पर एक रिपोर्ट सौंपी और गैर सरकारी संगठन के निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया। परवेज आलम मूल रूप से रांची के कडरू का रहने वाला है।