जालोर: राजस्थान के जालोर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में दलित नव विवाहित जोड़े को पूजा करने से रोकने के आरोप में एक 65 वर्षीय पुजारी को जेल भेज दिया गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल की जा रही है जिसमें पुजारी व कुछ युवको को बहस करते सुना जा सकता है।
हालाँकि मामला किये जा रहे दावे से अलग ही देखने को मिला। मामले पर हमने ग्रामीणों व गाँव के प्रधान से भी बातचीत करी। दलित समाज के लोगो से भी मंदिर के अंदर प्रवेश को लेकर हमने जानकारी जुटाई। नियो पॉलिटीको से बात करने पर थाना भाद्राजून क्षेत्र के गांव नीलकंठ की प्रधान ने हमें बताया कि मंदिर में दलितों को प्रवेश पर कोई रोक टोक नहीं है। नव विवाहित जोड़े को भी प्रवेश दिए गया था। उन्होंने पूजा पाठ भी किया था। बहस नारियल फोड़ने को लेकर हुई थी। परंपरा के अनुसार नारियल फोड़ने के बाद उसे जलाया भी जाता है। जिसपर पुजारी ने उनसे अनुरोध किया था कि नारियल आप बाहर जाकर जलायें। लेकिन दलित दंपत्ति उसे गर्भ गृह में फोड़ने व जलाने पर अड़े रहे।
इसी को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई जिसे मीडिया ने तूल दे दिया। वीडियो में भी कही पुजारी ने जातिसूचक शब्दों का उपयोग नहीं किया है।
पुलिस ने भी माना प्रवेश न करने देने की बात असत्य है
मामले को बढ़ता देख जालोर पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल भी मंदिर पहुंचे। उन्होंने भी अपने स्तर से जांच पड़ताल की तो माना की दलित दंपत्ति को पूजा करने दी गई थी।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पिछले दिनों नव विवाहित दलित दम्पति को मंदिर प्रवेश नहीं देने का एक वीडियो वायरल हुआ, उसकी वास्तविकता का पता किया गया। इसमें वास्तविकता में यह सामने आया है कि मंदिर प्रवेश से कोई मना नहीं किया गया था, यह वीडियो में भी स्पष्ट हो चुका है, बल्कि मंदिर के अंदर नारियल चढ़ाने की व्यवस्था को लेकर पुजारी के साथ विवाद होना सामने आया है।
FIR होते ही पुजारी को भेज दिया गया था जेल
प्रकरण में 23 अप्रैल को नीलकंठ निवासी ताराराम पुत्र भीमाराम मेघवाल ने रिपोर्ट देकर बताया कि वे शुक्रवार को 5.30 बजे दुल्हा – दुल्हन के साथ रीति – रिवाज से शादी की रस्म को लेकर नीलकण्ठ मंदिर में नारियल चढ़ाने गये थे तो मंदिर के पुजारी ने हमें बाहर ही रोक दिया तथा बोला कि तुम लोग अछूत हो नीची जाति के हो तो आप अन्दर नारियल नहीं चढ़ा सकते, बाहर ही चढ़ाओ, आपका वहां पर ही स्थान है। इस रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा संख्या 49 धारा 3 ( आर ) ( एस ) ( जेडए ) ( सी ) 2 ( वीए ) एससीएसटी एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया था। मामले पर कार्यवाई करते हुए पुलिस ने पुजारी को जेल भेज दिया था।
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