नई दिल्ली: RSS सर कार्यवाह दत्तात्रय होसबाले ने कहा है कि संघ आरक्षण का प्रबल समर्थक है। वह समाज में असमानता खत्म होने तक आरक्षण जारी रखने के पक्ष में है।
उन्होंने कहा कि ये सकारात्मक कार्रवाई का एक जरिया है और इसे तब तक जारी रखना चाहिए जब तक समाज का एक विशेष वर्ग “असमानता” का अनुभव करता है.
दत्तात्रय होसबाले का यह बड़ा बयान आगामी यूपी और अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले आया है। जिस वजह से उनके इस बयान के राजनीतिक मतलब भी निकाला जा रहा है। इससे पहले बिहार चुनाव के वक़्त संघ प्रमुख के आरक्षण को लेकर आए बयान से बवाल मच गया था। आपको बता दे कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के वक़्त मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा के लिए गैर राजनितिक समिति बनाने की मांग की थी। जिस पर काफी हंगामा हुआ था।
आरक्षण पर होसबोले ने स्पष्ट कहा कि RSS आरक्षण के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक सद्भाव और न्याय हमारे लिए राजनीतिक रणनीति नहीं हैं। ये दोनों हमारे लिए आस्था से जुड़े हुए हैं।
ये बात उन्होंने ‘मैकर्स आफ मॉडर्न दलित हिस्ट्री’ पुस्तक के विमोचन के मौके पर इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के सम्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास दलितों से अलग नहीं है। उनके इतिहास के बगैर भारत का इतिहास अपूर्ण रहेगा। भारत के लिए आरक्षण ऐतिहासिक जरूरत है। यह तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक समाज को कोई खास वर्ग असमानता महसूस करे। उन्होंने कहा कि आरक्षण एक ‘सकारात्मक कार्रवाई’ है। समाज के सभी तबकों के बीच आरक्षण व सौहार्द साथ साथ चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेरा संगठन और मैं दशकों से आरक्षण के प्रबल समर्थक रहे हैं। जब भी कई परिसरों में आरक्षण विरोधी आयोजन होते हैं तो हम प्रस्ताव पारित करते हैं। हमने पटना में आरक्षण के समर्थन में एक सेमिनार भी आयोजित किया था। यूपी चुनाव से ठीक पहले आये उनके इस बयान का राजनीतिक मतलब भी निकाला जा रहा है।
Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.