चंडीगढ़: क्रिकेटर युवराज सिंह मुश्किलों में फंसे है। दरअसल युवराज पर 14 फरवरी को अनुसूचित जाति की भावना आहत करने के कारण एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया। युवराज पुर हरियाणा के हांसी में मुकदमा किया गया। इस मुकदमे में युवराज पर कोई कार्रवाई ना हो और पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए युवराज ने अब पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है जिस पर कल कोर्ट में सुनवाई होगी।
मामला पिछले वर्ष का है जब युवराज सिंह ने रोहित शर्मा के साथ हो रही इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान यूज़वेंद्र चहल पर आपत्तिजनक जातिसूचक टिप्पणी कर दी।इस पर चहल की ओर से तो कोई प्रतिक्रिया नहीं आई लेकिन दलित हुमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन की भावनाएं आहत हो गई।
राजाजी युवराज से इस कदर भड़क गई कि उन्होंने यहां से पुलिस अधीक्षक को युवराज के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की शिकायत की और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए युवराज की गिरफ्तारी की मांग की। रजत गर्ल्स द्वारा गैस शिकायत पिछले वर्ष अगस्त में की गई।
शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस को इस संबंध में एक सीडी भी सौंपी गई जिसकी जांच साइबर सेल पंचकूला द्वारा की गई।लंबे समय तक मामले में कार्रवाई न होने के कारण शिकायतकर्ता कल्सान ने सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस द्वारा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने की मांग की है।कोर्ट ने कल शाम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पुलिस को आदेश दिया कि आगामी 4 अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट सौंपे।
चुंगी झांसी पुलिस पर मामले में अतिरिक्त दबाव था इसलिए उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस को भी कार्रवाई करने की शिकायत भेजी जिसके चलते पुलिस ने युवराज के खिलाफ दलित एक्ट में केस दर्ज कर लिया। इससे बचने के लिए युवराज ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की।जिस पर अधिवक्ता रजत ने कहा कि वे पुरजोर कोशिश करेंगे कि युवराज की याचिका खारिज हो और तुरंत उनकी गिरफ्तारी हो।
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