रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में मदरसे के मौलवी को 20 साल की सजा सुनाई है।
रिपोर्ट के मुताबिक मुकदमे में मदरसे के मौलवी को विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) नीलू मोघा ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। 50 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार सक्सेना ने बताया कि दुष्कर्म का यह मामला रामपुर जिले के थाना अजीमनगर क्षेत्र का है। यहां के एक गांव के व्यक्ति ने चार मार्च 2019 को थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में लिखाया था कि उसकी आठ साल की बेटी दौकपुरी टांडा गांव के मदरसे में पढ़ने जाती थी।
मदरसे का मौलवी कारी तलहा उसके साथ काफी समय से अश्लील हरकतें कर रहा था। पुलिस ने छेड़छाड़ और पाक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच की। पीड़िता के बयान कराए। जांच के बाद विवेचना अधिकारी ने बयानों और पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर मुकदमे में दुष्कर्म की धारा शामिल कर चार्जशीट लगा दी।
अदालत में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपों को झूठा बताया। अभियोजन पक्ष का कहना था कि साक्ष्य और गवाहों ने घटना को साबित किया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मौलवी कारी तलहा को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जुर्माने की धनराशि को पीड़िता को क्षतिपूर्ति एवं पुर्नवास के रूप में प्रदान की जाएगी।