/

मुस्लिम बहुल गाँव में दलित पलायन को मजबूर, घरों के बाहर लिखा यह घर बिकाऊ है’

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में दलित हिन्दू परिवार मुस्लिम बहुल इलाके में हो रहे उत्पीड़न के चलते अब अपने मकानों को बेचने को मजबूर हो गया है।

जिले के टप्पल थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाँव नूरपुर के लगभग सभी दलित परिवारों ने अपने घरों की दीवारों पर “यह घर बिकाऊ है” लिख दिया है। पीड़ित परिवारों ने हमें बताया कि गाँव के दलित हिन्दू पिछले कुछ वर्षों से उनके साथ बहुसंख्यक मुस्लिमों द्वारा मारपीट करने, जातिसूचक शब्द कहने और, सार्वजानिक रास्ते से बारात न ले जाने देने की घटनाओं के कारण पलायन को मजबूर है।

ऐसे ही एक पीड़ित सुनील जाटव ने बताया कि गाँव की हिन्दू बहनो के साथ कई बार छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया जा चूका है। विरोध करने पर मुस्लिम समाज के लोग मारपीट पर उतारू हो जाते है। प्रशासन भी कोई सुनवाई को तैयार नहीं है।

घरो के बाहर लिखा “यह मकान बिकाऊ है”

ऐसे ही एक प्रकरण में गाँव के बहुसंख्यक मुस्लिम सार्वजनिक रास्तों से दलितों को डीजे बजाने और बारात नहीं ले जाने दिया गया। 26 मई को गाँव के ही ओमी जाटव के यहाँ दो लड़कियों की शादी थी। बारात डीजे के साथ ओमी के घर की तरफ बढ़ रही थी। जब बारात गांव के मस्जिद के पास से गुजरने लगी तभी मुस्तकीम, सरफू कलुआ और उनके साथियों की भीड़ ने बारात पर हमला कर दिया। हमले और पथराव से कई बराती-घराती घायल हो गए। जिसकी तहरीर पीड़ित हिन्दू दलितों ने टप्पल थाने में भी दी थी।

लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उल्टे पीड़ितों पर लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन का केस लगा दिया गया। पिछले महीनों से लगातार कई शादियों में बारात ले जा रहे दलितों पर हमला हुआ और उनकी गाड़ियों पर पथराव भी किया गया।

दलित पक्ष की ओर से दी गई तहरीर

महिलाओं ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया है कि दूसरे समुदाय के लोग उनको जातिसूचक शब्द कहते हैं और, उनपर अश्लील टिप्पणियां करते हैं। महिलाएं घरों से बाहर निकलती है तो मुस्लिम समुदाय के लोग उनपर टिप्पणियां करते है। रास्तों से जाने नहीं देते हैं। वे अपने खेतों और जंगलों में भी नहीं जा पाती हैं। इसी कारण वे लोग अपना मकान बेचकर पलायन करना चाहती हैं।

26 मई को बारात गुजरने के दौरान हुई घटना का वीडियो भी मौजूद है। जिसमे यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि, गाँव के बीच सार्वजनिक मार्ग से गुजर रही बारात पर कुछ युवक हमला कर देते है। वीडियो में दिख रहा है कि बारात डीजे के साथ गुजर रही होती है। तभी टोपी पहने हुए कुछ मुस्लिम युवक आते है। पहले वे डीजे ले जा रहे ड्राइवर से कुछ कहते है। जिसके बाद उनकी बारातियों से कुछ कहासुनी होने लगती है। देखते-देखते कई सारे लोग वहां इकठ्ठा हो जाते हैं। तथा कहासुनी धक्कामुक्की और मारपीट में बदल जाती है।

नूरपुर गाँव में 3 मस्जिद और एक मदरसा बना हुआ है जबकि पूरे गाँव में एक भी मंदिर नहीं है। पिछले वर्ष सार्वजनिक मार्ग के किनारे गांव में एक नई मस्जिद बनी। जिसके बाद से मार्ग से गुजरने वाले हिंदू दलितों के साथ पहले की तुलना में अधिक अप्रिय घटनाये घटने लगी हैं। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोग यह नहीं चाहते हैं कि दलितों की बारात मस्जिद के पास से गुजरे। जबकि बीते कई वर्षों से हिन्दू दलितों की बारात उसी रास्ते से गुजर रही थी। गाँव के दलित मारपीट, गाली-गलौज, और जातिसूचक शब्दों से तंग आ चुके हैं। इसलिए वे अपना मकान बेचकर पलायन करना चाहते हैं।

2006 में ऐसे ही एक हिन्दू दलित परिवार गाँव से पलायन कर चुका है। दरअसल भंवर सिंह पुत्र भैरव सिंह पर गाँव के मुस्लिमों ने चाक़ू से हमला कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने गाँव छोड़ दिया था। गाँव के बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी से हिन्दू दलित डरे हुए हैं। उनके साथ लगातार हो रही ऐसी घटनाओं और प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई न होने से वे घर को बेचकर पलायन करना चाह रहे हैं।

घटना पर स्थानीय पुलिस ने उचित जाँच कर कार्यवाई का भरोसा दिया है।

+ posts

Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.

Previous Story

कोरोना में अनाथ बच्चों को 18 वर्ष तक मासिक ₹2500, लड़कियों को शादी में ₹51,000 देगी हरियाणा सरकार

Next Story

लखनऊ में लवजिहाद: इंस्पेक्टर आदित्य सिंह बन आबिद ने हिंदू युवती को फंसाया, कब्जे से पुलिस की वर्दी बरामद

Latest from उत्तर प्रदेश

जिंदा होने के सबूत देने में जुटे बुजुर्ग की मौत: सरकारी दस्तावेज़ों में मृत घोषित, 18 महीने से राशन से वंचित

सोनभद्र: शक्तिनगर थाना क्षेत्र के चिल्काडाड गांव में एक मार्मिक घटना सामने आई है, जिसमें 70…