भोपाल: गुरुवार को इंदौर में एक घरवापसी के हुए कार्यक्रम में एक ईसाई परिवार के पांच सदस्यों ने हिंदू धर्म अपनाया। यह परिवार देवास का रहने वाला है और कुछ समय से खजराना इलाके में रह रहा था। इस परिवार में पति-पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा शामिल हैं। परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे सनातन धर्म से बहुत प्रभावित हैं और इसी वजह से उन्होंने हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया। यह पहली बार है जब किसी ईसाई परिवार ने हिंदू धर्म अपनाया है, जबकि इससे पहले 35 से ज्यादा मुस्लिम परिवार इंदौर में विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान हिंदू धर्म अपना चुके हैं।
कैसे किया गया धर्म परिवर्तन
गुरुवार की सुबह 11:30 बजे यह परिवार खजराना स्थित पाटीदार धर्मशाला पहुंचा। यहां विश्व हिन्दू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद हवन और पूजा हुई, और फिर सभी खजराना मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने गणेशजी के दर्शन किए। धर्म परिवर्तन के बाद परिवार के सदस्यों के नाम भी बदल दिए गए। अब एंजिल का नाम आर्यन, रोजी का बुलबुल, मैरी का उषा, रोनाल्ड का राहुल, और रुही का नाम ऋतु हो गया है।
3 साल की रोजी बनी बुलबुल
इस परिवार की सबसे छोटी सदस्य, 3 साल की रोजी, जिसे अब बुलबुल के नाम से जाना जाएगा, ने भी अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ धर्म परिवर्तन किया। इतनी कम उम्र में धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया का हिस्सा बनने वाली रोजी ने सबका ध्यान खींचा। धार्मिक समारोह के दौरान, बुलबुल को विशेष आशीर्वाद दिया गया और उसके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गईं। इस मौके पर विश्व हिन्दू परिषद या बजरंग दल के कोई बड़े नेता मौजूद नहीं थे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि बड़े नेता शहर से बाहर हैं। इससे पहले सभी धर्म परिवर्तन कार्यक्रमों का आयोजन हिंदू संगठन के नेताओं की देखरेख में होता था, जिसमें कलेक्ट्रेट में धर्म परिवर्तन के लिए आवेदन देने से लेकर पूजा-पाठ कराने तक का सारा काम शामिल होता था।
इंदौर में 50 से ज्यादा मुसलमान बने हिंदू
इंदौर में पिछले ढाई महीने में यह चौथा धर्म परिवर्तन कार्यक्रम है। इससे पहले 50 से ज्यादा मुस्लिम परिवार खजराना गणेश मंदिर में हिंदू धर्म अपना चुके हैं। आज के इस चौथे कार्यक्रम में पहली बार किसी ईसाई परिवार ने हिंदू धर्म अपनाया है। धर्म परिवर्तन की यह प्रवृत्ति इंदौर में बढ़ती जा रही है, जिससे सामाजिक और धार्मिक माहौल में बदलाव आ रहा है। इस घटना ने शहर में एक नई चर्चा को जन्म दिया है और इसे लेकर विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
Nancy Dwivedi
Nancy Dwivedi reports for Neo Politico.