/

SC-ST एक्ट में 11 दिन से जेल में बंद पत्रकार कार्तिक पांडेय, विधायक ने माफ़ी मांगने पर रखी रिहाई की शर्त

चंदौली: लोकल न्यूज़ पोर्टल पूर्वांचल टाइम्स/ वी सी खबर के पत्रकार कार्तिक पांडेय को गिरफ्तार हुए 11 दिन हो गए। पत्रकार पर भाजपा से चकिया विधानसभा के विधायक शारदा प्रसाद ने एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज़ करवाया है। पूरे विवाद की जड़ पत्रकार द्वारा वनवासियों की चलायी गयी एक खबर है। जिसमे वनवासियों ने विधायक पर काम करा लेने और मजदूरी न देने का आरोप लगाया था।

वीडियो के वायरल होने के बाद विधायक ने कार्तिक पांडेय और उनके सहयोगी रोहित तिवारी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया। जिसपर त्वरित कार्यवाई कर चकिया कोतवाली पुलिस ने एक पत्रकार कार्तिक पांडेय को जेल भेज दिया है। विधायक ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि पत्रकार रोहित तिवारी और कार्तिक पांडेय ने उनके खिलाफ मजदूरों को मजदूरी ना देने के संबंध में खबर चलाई थी। जिस पर विधायक के कार्यकर्ताओं ने पत्रकार से वार्ता की तो पत्रकार ने विधायक के लिए जातिसूचक शब्द का प्रयोग किया। समाचार में विधायक का रिव्यू लिए बिना उन्हे बदनाम किया गया।

विधायक ने पत्रकार मानने से किया इंकार

विधायक शारदा प्रसाद ने लोकल न्यूज़ पोर्टल और यूट्यूब चैनल के लिए रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार कार्तिक पांडेय को पत्रकार मानने से ही इंकार कर दिया है। विधायक ने जिला प्रशासन को जिले के पत्रकारों की सूची तैयार करने का आदेश दिया है। वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएसन के चंदौली जिलाध्यक्ष नन्द शंकर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।

सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगने की रखी शर्त

सूत्रों के मुताबिक विधायक ने पत्रकार से सार्वजनिक तौर पर चैनल पर आकर माफ़ी मांगने की शर्त रखी है। जिसके बाद विधायक पत्रकार के साथ सुलह समझौते पर विचार करेंगे। वहीं माफ़ी की शर्त को जिले के अन्य पत्रकारों ने न्यायोचित्त नहीं बताया। उनका मानना है कि जो गलती कार्तिक ने की है उसके लिए माफ़ी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है।

बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं पत्रकार कार्तिक पांडेय

पत्रकार कार्तिक पांडेय एक बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता एक निजी स्कूल में 2000 रुपये की मास्टरी की नौकरी करते हैं। कोरोना के कारण दो साल से तन्ख्वाह भी समय समय पर नहीं मिल रही है ऊपर से बेटे को जेल हो जाने के बाद कार्तिक के माता- पिता की हालत ख़राब है। वहीं परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए अधिवक्ताओं ने कार्तिक का मुकदमा निःशुल्क लड़ने का फैसला लिया है।

विधायक द्वारा कार्तिक पर लगवाए गए एससी एसटी एक्ट के मुक़दमे पर जिले का पत्रकार संघ एवं अधिवक्ता बीते दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहें है। पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि या खुलेआम लोकतंत्र की हत्या होने जैसा मामला है। सत्ता पक्ष का विधायक पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएं, वह भी केवल खबर प्रकाशित होने पर यह निंदनीय है। सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण यादव ने कहा कि एक विधायक को इस तरह का काम नहीं करना चाहिए। एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग भी नहीं होना चाहिए।


नियो पॉलिटीको(फलाना दिखाना) को अब अपने कार्यो को जारी रखने के लिए हर माह करीब 2.5 लाख रूपए की आवश्यकता है। अन्यथा यह मीडिया पोर्टल अगस्त माह से बंद हो जायेगा। आप सभी पाठको से निवेदन है कि इस पोर्टल को जारी रखने के लिए हमारा सहयोग करें।

UPI: NeoPoliticoEditor@okicici

Gpay/Paytm: 8800454121

OR Become a Patron! (Donate via Patreon)

Paypal: https://paypal.me/falanadikhana?locale.x=en_GB…

+ posts

Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

MP: ऑनलाईन क्लासेस के लिए बच्चों को बिना सिम कार्ड के मोबाइल दें, साइबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

Next Story

अयोध्या में दीपोत्सव से पहले शुरू हो सकती हैं ‘रामायण क्रूज’ सेवाएँ, क्रूज पर सुनाई पड़ेगी रामचरितमानस की चौपाइयां

Latest from उत्तर प्रदेश