नई दिल्ली: गाजियाबाद के नवयुग मार्केट में आयोजित भाईचारा सम्मेलन के दौरान एक विवाद उत्पन्न होने के बाद से वाल्मीकि समाज भीम आर्मी से खासा नाराज चल रहा है। अब वाल्मीकि समाज ने खुलकर भीम आर्मी का विरोध करना शुरू कर दिया है। समाज के लोगों ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का पुतला और फोटो को जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने यहाँ तक की भीम आर्मी को बस एक जाति की पार्टी भी बताना शुरू कर दिया है।
क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में कोटे के फैसले के बाद से दलित समाज की कई जातियाँ कोर्ट के निर्णय का स्वागत कर रही हैं जबकि भीम आर्मी, BSP सहित कई पार्टियां इसके विरोध में हैं। इसी बीच वाल्मीकि समाज के लोग सफाई कर्मियों की समस्याओं को लेकर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद से मिलने पहुंचे थे। आरोप है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा युवकों पर हमला कर दिया गया। मारपीट में दोनों युवकों को गंभीर चोटें आई हैं। इस घटना के बाद वाल्मीकि समाज ने भीम आर्मी का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
चंद्रशेखर से मुलाकात पर बवाल: लाठी-डंडों से हमले का आरोप, केस दर्ज
इस मामले में आकाश कुमार ने नगर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। आकाश कुमार का कहना है कि चंद्रशेखर आजाद का सम्मेलन आंबेडकर पार्क में था, और वे अपने तीन साथियों के साथ पार्क के पास पहुंचे थे। जैसे ही चंद्रशेखर की कार वहाँ पहुँची, वे उनकी कार के पास जाकर सफाई कर्मियों की समस्याओं के बारे में बात करने लगे। इसी बीच, आजाद ने अपने कार्यकर्ताओं से उन्हें हटाने के लिए कहा, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। आकाश का आरोप है कि उनके सिर पर धारदार वस्तु से हमला किया गया, जबकि उनके साथी प्रमोद को भी गंभीर चोटें आई हैं।
डीसीपी नगर राजेश कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है और वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है और घटना में शामिल लोगों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
भीम आर्मी का बहिष्कार
इस घटना के बाद वाल्मीकि समाज ने भीम आर्मी से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। वाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि वे अब भीम आर्मी के साथ किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखेंगे। उन्होंने जमकर भीम आर्मी के खिलाफ नारेबाजी भी की। घटना के दौरान पुलिस की उपस्थिति के बावजूद मारपीट होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस ने समय पर उचित कार्रवाई नहीं की, जिससे हमलावरों को हिम्मत मिली। पुलिस ने घटना के बाद अपने बयान में कहा कि सभी आरोपियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।