‘रामसेतु बना कैसे, कितने साल पुराना है’ जैसे रहस्यों पर शोध करेंगे समुद्री वैज्ञानिक, परियोजना को मंजूरी

गोवा: रामसेतु के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने एक रिसर्च को अनुमति दी है इस रिसर्च को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशियानोग्राफी के वैज्ञानिक करेंगे।

इस रिसर्च का मकसद यह पता लगाना होगा कि आखिर राम सेतु बना कैसे, राम सेतु की आयु, और कैसे इसका निर्माण किया गया था, यह निर्धारित करने के लिए एक अंतर्जलीय परियोजना इस साल शुरू की जा रही।

वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च

इस परियोजना पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने कहा कि यह “रामायण” काल ​​की आयु निर्धारित करने में मदद कर सकता है।” पुरातत्व पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत एक निकाय, ने पिछले महीने सीएसआईआर-राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, गोवा, (एनआईओ) द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

टीओआई ने एक रिपोर्ट के जरिए बताया कि प्रस्तावित अध्ययन, भूवैज्ञानिक काल और अन्य सहायक पर्यावरणीय डेटा के लिए पुरातात्विक पुरातनता, रेडियोमेट्रिक और थर्मोल्यूमिनेसिंस (टीएल) डेटिंग पर आधारित होगा।

बताया गया है कि “रेडियोमेट्रिक तकनीक का उपयोग संरचना की आयु का पता लगाने के लिए किया जाएगा, जिसमें मूंगा या प्यूमिस पत्थर शामिल हैं। कोरल में कैल्शियम कार्बोनेट होता है जो हमें संरचना की उम्र और निश्चित रूप से रामायण की अवधि का पता लगाने में मदद करेगा।” ऐतिहासिकता और रामायण की तिथि इतिहासकारों, पुरातत्वविदों और वैज्ञानिकों के बीच एक बहस का विषय बनी हुई है। राम सेतु और उसके आसपास के क्षेत्र की प्रकृति और निर्माण को समझने के लिए वैज्ञानिक और पानी के भीतर पुरातात्विक अध्ययन करना प्रस्तावित है। यह परियोजना एक टीम के साथ-साथ डॉ सुंदरेश, एनआईओ के समुद्री पुरातत्व विभाग के साथ प्रमुख तकनीकी अधिकारी की देखरेख में होगी।

केन्द्रीय मंत्री का बयान:

राम सेतु से जुड़े शोध को भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (ASI) की मंजूरी पर केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने साफ किया है कि एएसआइ ने सीएसआइआर से जुड़ी संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी (NIO) को सिर्फ शोध की मंजूरी दी है, इसमें रामसेतु से ना तो किसी तरह की छेड़छाड़ की जायेगी। और न ही उसके अस्तित्व पर कोई असर पडे़गा उन्होंने कहा है कि रामसेतु सदा से ही हमारे लिए पौराणिक, इतिहासिक और पुरातात्विक रहा है और हमेशा रहेगा रामसेतु हमेशा से ही हमारी धार्मिक आस्था और श्रद्धा का प्रतीक हैं।

+ posts

Kapil reports for Neo Politico Hindi.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

Sc/St एक्ट: जमानत अर्जी को निश्चित समय-सीमा में अदालत के समक्ष रखा जाए: इलाहाबाद हाईकोर्ट

Next Story

सैफ़ अली खान की वेबसीरीज ‘तांडव’ विवादों में, हिंदू देवताओं का मजाक उड़ाने पर हाईकोर्ट वकील ने भेजी नोटिस

Latest from राम राज्य

पटाखे फोड़ने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिन्दू युवक के साथ की मारपीट, पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार, वीडियो वायरल

हाथरस- उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले में दीपावली के मौके पर आतिशबाजी कर रहें हिन्दू युवक के…

दलितों के घर जाकर देवी-देवताओं की मूर्ति निकाली, पोस्टर फाड़े, शिकायत करने पर दी एससी एसटी एक्ट की धमकी

हाथरस- उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले में तथाकथित अंबेडकर वादियों के द्वारा दलितों के घर जाकर हिन्दू…

हिंदू त्यौहार को मिली अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि, दुर्गा पूजा यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल

नई दिल्ली: भारत के त्यौहार दुर्गा पूजा को अब अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हो चुकी है। संयुक्त…