Sc-St Act को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा कानूनी प्रावधानों को लागू करने से पहले सावधानी बरतें पुलिस अधिकारी

सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट के तहत एक केस की सुनवाई करते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम जैसे कड़े कानूनों को लागू करने से पहले पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी हैं। न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि अधिकारियों को इस बात से संतुष्ट होना होगा कि जिस प्रावधानों को प्रथम दृष्टया वह लागू कर रहें है, वह इस मामले में लागू होतें हैं।

हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी यह टिप्पणियां विशेष और कड़े कानूनों की महत्वता को कम करने के लिए नहीं की गई है, बल्कि पुलिस अधिकारियों को यह याद दिलाने के लिए था कि वह तथ्यात्मक स्थिति के संदर्भ के बिना उन्हें यांत्रिक रूप मे लागू न करें।

आपको बता दे कि एक प्रापर्टी डीलर और निर्माण कंपनी के प्रबंधक ने उनके खिलाफ दर्ज एससी एसटी एक्ट की प्राथमिकी को चुनौती देतें हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसे कर्नाटक हाईकोर्ट ने रद्द करने से मना कर दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह पूरा मामला अनिवार्य रूप से दुर्भावना से प्रेरित प्रतीत होता हैं।

न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि भले ही आरोपों को अंकित मूल्य पर सही माना जाता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि याचिकाकर्ता के द्वारा एससी एसटी एक्ट के तहत कोई अपराध किया गया हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शिकायत और प्राथमिकी को भी तुच्छ, परेशान करने वाली और दमनकारी बताया हैं।

+ posts

Kapil reports for Neo Politico Hindi.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष ने भाई के साथ मिलकर चार युवतियों को घर में बंधक बनाया, पुलिस ने कराया मुक्त

Next Story

चुनावी नतीजे आने के बाद BSP-AIMIM समर्थकों में झड़प, जमकर हुआ पथराव, बोतलें फेंकी

Latest from कुछ नया आया क्या

यूपी- ब्राम्हणों पर जातिगत टिप्पणी करने के मामले में थानेदार पर गिरी गाज, एसएसपी ने किया लाइन अटैच

बदायूं- पंडितों के खिलाफ जातिगत टिप्पणी का ऑडियो वायरल होने और ब्राह्मण समाज के लोगों द्वारा…

यूपी: ब्राह्मण युवती को पत्नी बनाने के लिए दलित व्यक्ति ने दिया झूठा आवेदन, हाईकोर्ट ने लगाया 50 हजार का जुर्माना

लखनऊ- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले की सुनवाई करते हुए एक दलित व्यक्ति पर…