इंदौर- मध्यप्रदेश के इंदौर में परशुराम सेना ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण छात्रों के समर्थन में संभागीय कमिश्नर को ज्ञापन सौंपते हुए ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत बनने वाले सर्टिफिकेट की वैधता को एक साल से बढ़ाकर पांच साल करने की मांग की गई हैं। परशुराम सेना के द्वारा मांगे न मानने पर प्रशासन को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई हैं।
स्कूलों से दिया जाए ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट
इंदौर में संभागीय कमिश्नर के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन के दौरान परशुराम सेना के अध्यक्ष अनूप शुक्ला ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण छात्रों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ लेने और डब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कई दिनों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते है, जिसकी वैधता 1 साल रखीं गई हैं।
परशुराम सेना के लोगों का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण तो दिया जा रहा है, लेकिन हर साल ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कलेक्टर कार्यालय, नगर निगम और अन्य आफिसों में एफिडेविट सहित अन्य दस्तावेज देने पड़ते हैं। लेकिन बावजूद इसके केवल एक साल के लिए ही सर्टिफिकेट बनाया जाता है और अगली साल पुनः वहीं प्रक्रिया अपनानी पड़ती हैं।
वहीं परशुराम सेना के अध्यक्ष अनूप शुक्ला का कहना है कि जिस प्रकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को स्कूलों से सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था है, ठीक उसी प्रकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को भी स्कूल से ही ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट दिया जाए। उन्होंने कहा कि एकल खिड़की प्रणाली योजना के तहत एक ही खिड़की से सारे दस्तावेज जमा कराए जाए और 15 से 20 दिन में उसी खिड़की से सर्टिफिकेट प्रदान किया जाए।
इतना ही नहीं परशुराम सेना ने चेतावनी दी कि अगर शासन प्रशासन द्वारा 15 दिनों के भीतर उनकी ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट संबंधी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश स्तर पर ब्राह्मण संगठन और करणी सेना सहित अन्य सभी संगठनों को साथ लेकर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.