न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया गया, जहां 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में 11 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। वही भारत ने इस प्रस्ताव में वोटिंग के दौरान खुद को बाहर रखा।
भारत ने स्पष्ट किया वोट न करने का कारण
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव पर बीते दिन शुक्रवार को वोटिंग की गई। जिसमें 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में 11 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की। वही भारत ने सुरक्षा परिषद के इस प्रस्ताव में खुद को अनुपस्थित रखा।
इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने भारत का वोटिंग में शामिल न होने पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत यूक्रेन में चल रहे घटनाक्रम से बहुत परेशान है।
हमारा आग्रह हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाने चाहिए। मानव जीवन की कीमत पर कोई भी समाधान कभी नहीं निकाला जा सकता है, हम भारतीयों के कल्याण और सुरक्षा को लेकर भी बहुत चिंतित हैं।
आगे उन्होंने कहा कि मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र उत्तर है, चाहे वह इस समय कितना भी कठिन क्यों न हो। यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया हमें उस पर वापिस लौटना होगा।
वही भारत के साथ साथ चीन और यूएई ने भी इस प्रस्ताव पर वोटिंग में खुद को अनुपस्थित बताया और रूस ने वीटो का इस्तेमाल कर इस प्रस्ताव को विफल कर दिया।
क्या है वीटो?
वीटो लैटिन भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है “मैं निषेध करता हूँ ” वीटो पावर का अधिकार संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के पास होता हैं। जिससे उस देश के अधिकारी के पास यह अधिकार होता है, कि वह अकेला किसी कानून को रोकने में सक्षम होता हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.