गया- एससी एसटी एक्ट के दुरूपयोग का नया मामला बिहार के गया जिले से सामने आया है, जहां इमामगंज थाना क्षेत्र की निवासी सुमंती देवी पति रामचंद्र यादव ने सिटी एसपी को झूठे एससी एसटी एक्ट में फंसाने की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई हैं। पीड़ित महिला ने एसपी को आवेदन देकर बताया कि उसके बेटे और देवर को झूठे एट्रोसिटी केस में फंसाया गया है, उन्होंने बताया कि बाढ़ों पासवान नामक एक दलित व्यक्ति ने झूठा केस दर्ज करवा कर उन्हें फंसाया हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला?
पीड़ित महिला ने सिटी एसपी को लिखित आवेदन देकर बताया कि बीते दिनों 24 नंवबर की शाम उसका बेटा डुमरी गाँव के ज्ञान सरोवर विधालय सह कोचिंग से पढ़कर लौट रहा था। तभी नगवा के डाॅक्टर रामरक्षिया सिंह के घर के पास बाढो पिता रामाशीष पासवान ने शराब के नशे में मेरे बेटे की साइकिल को टक्कर मार दी, जिसमें वह घायल हो गया। लेकिन अपनी गलती मानने की बदले वह मेरे बेटे के साथ ही मारपीट करने लगा।
पीड़िता ने बताया कि घटना की जानकारी लगने पर जब मेरे देवर डब्लू यादव वहां पहुंचे तो बाढो उन्हें भी गाली देने लगा। इतना ही नहीं जब मेरे देवर उसे पकड़ कर थाने ले जाने लगे तो वह गिड़गड़ाने लगा और माफी मांगते हुए थाने न ले जाने की गुहार लगाने लगा, जिसके बाद गाँव के लोगों के कहने पर एक मौका देकर छोड़ दिया। लेकिन इसी बीच चालसाजी कर बाढो इमामगंज थाने पहुंच गया और मेरे देवर और बेटे पर संगीन आरोप लगाते हुए एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया, जो कि पूर्णतः झूठा और बेबुनियाद हैं।
थानाध्यक्ष पर पैसे मांगने का आरोप
पीड़िता ने आगे बताया कि मुकदमे की जानकारी लगने पर जब वह थाने पहुंची तो इमामगंज थानेदार 50 हजार रुपये की मांग करने लगा, उन्होंने आरोप लगाया कि थानेदार ने कहा पैसे दो केस नहीं होगा। वहीं जब उसने पैसे देने से मना किया तो वह आगबबूला हो गए और उसे थाने से भगा दिया। पीड़िता ने इमामगंज थानेदार पर कई तरह के आरोप लगाते हुए सिटी एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.