बेंगलुरु – कन्नड भाषा को लेकर गूगल से जुड़ा विवाद अभी थमा ही नही था कि अब Amazon के एक कदम से कर्नाटक में माहौल गरमाया हुआ हैै।
दरअसल मामला शनिवार का है जब शाॅपिंग साइट अमेज़न पर कर्नाटक राज्य के ध्वज के रंगों और प्रतीक वाली बिकनी सेल में बेचीं जा रही थी।
क्या है पूरा मामला जानते हैं
अमेज़न के द्वारा यह पहली बार नही किया गया हैं कि लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई हैं। बल्कि कई बार अमेज़न ने अपनी घटिया सोच और मानसिकता का परिचय देते हुए अपने विज्ञापनों और प्रोडक्ट्स में हिन्दू देवी देवताओं को गलत तरीके से दिखाया गया हैं।
इस बार जो मामला गरमाया हुआ है उसमें शाॅपिंग साइट अमेज़न द्वारा कर्नाटक राज्य के ध्वज के रंगों और प्रतीक चिन्ह को बिकनी पर प्रदर्शित कर सेल में BKDMHHH ब्रैंड नाम से बेचा जा रहा था। जिसे देखने के बाद दुनिया भर में रहने वाले कन्नड भाषी लोगों ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। मामले को जोर पकड़ता देख अमेज़न ने इस आपत्तिजनक प्रोडक्ट को हटाने में जरा भी देर नही लगाई।
अमेज़न द्वारा इस प्रकार के प्रोडक्ट को सेल पर बिकता देख लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई और तुरंत उसके स्क्रीन शॉट लेकर वायरल कर दिया। जिसके बाद यह मामला कर्नाटक राज्य सरकार के संज्ञान में आया जिसके बाद मंत्री अरविंद लिंबावली ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए अमेज़न से माफ़ी मांगने के लिए कहा हैं।
गूगल ने मांगी माफ़ी
मामला कुछ दिन पहले का हैं जिसमें गूगल पर ‘सबसे भद्दी भारतीय भाषा’ सर्च करने पर नतीजे में भारतीय भाषा कन्नड़ दिखाई दे रही थीं। इसके बाद कन्नड़ बोलने वालों ने सोशल मीडिया पर इस सर्च रिज़ल्ट के स्क्रीन शॉट्स के साथ 2000 साल से अधिक पुरानी भाषा का अपमान करने के लिए गूगल का जम कर विरोध किया। जिसके बाद गूगल ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि ‘खोज’ हमेशा सही नहीं होती कभी-कभी जिस तरह से इंटरनेट पर सामग्री का वर्णन किया जाता है। वह विशिष्ट प्रश्नों के आश्चर्यजनक परिणाम दे सकता है।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.