भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दुनिया में एक बार फिर अपनी तकनीक का लोहा मनवाया है।
इसरो ने गुरुवार दोपहर को देश की 42वीं कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-01 को लॉन्च कर दिया है। कोरोना वायरस जैसी महामारी की वजह से देरी पर लगाए जा रहे कयास धरे के धरे रहे गए जब इसरो ने इसे तय समय पर ही लांच कर दिया। सैटेलाइट CMS-01 के साथ पीएसएलवी-50 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के श्रीहरिकोटा स्थित शार रेंज के दूसरे लॉन्च पैड से गुरुवार को 3:41 बजे उड़ान भरी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भरोसेमंद रॉकेट पीएसएलवी-सी50 ने बृहस्पतिवार को भारत के नवीनतम संचार उपग्रह सीएमएस-01 को कक्षा में स्थापित कर दिया। उपग्रह के जरिए अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समेत भारत के विभिन्न हिस्सों में फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के विस्तारित सी बैंड की सेवाएं मिलेंगी. और यह सैटेलाइट 2011 में लांच हुये सैटेलाइट की जगह लेगा
ISRO ने यह लॉन्चिंग दोपहर 03: 41 मिनिट पर की थी। आपको बता दें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने जारी इस महामारी में साल 2020 का दूसरा मिशन लॉन्च किया है। CMS-01 भारत का 42वां कम्युनिकेशन सैटेलाइट है।
सीएमएस-01 सैटेलाइट की वजह से टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं में सुधार होगा। इसकी मदद से टीवी चैनलों की पिक्चर क्वालिटी सुधरने के साथ ही सरकार को आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी। यह सैटेलाइट 2011 में लांच की गई जीसैट-2 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट की जगह लेगी।
(इसरो) ने कहा है कि इस उपग्रह का जीवन काल सात साल का होगा और इसकी सहयोग से हम कम्युनिकेशन और नेटवर्किंग के क्षेत्र में और नये कीर्तिमान स्थापित करेंगे। साथ ही साथ हम इसकी सहायता से गुप्त जानकारी और सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे तथा आंतकवादी गतिविधियों और घुसपैठियों की हर एक गतिविधि पर नजर रख पायेंगे और सुरक्षा के क्षेत्र में भी गतिमान होगें।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.