हरदोई- आश्चर्यचकित कर देने वाला मामला उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले से सामने आया है, जहां 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग युवती के साथ आरोपी ने डरा धमकाकर कई बार दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया और बाद में आरोपी और पुलिस की मिलीभगत के चलते उल्टा पीड़िता के खिलाफ ही एससी एसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया हैं। जिसके चलते पीड़िता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला?
शाहाबाद थाना क्षेत्र के मौलागंज कस्बे की निवासी पीड़िता का कहना है कि उसके पिता की एक रोड एक्सीडेंट में मौत हो जाने के बाद वह अपनी माँ और नाबालिग भाई-बहन को पालने और घर चलाने के लिए बाला जी कोल्ड स्टोर में मजदूरी करती थी। जिससे वह न केवल अपनी पढ़ाई का खर्चा उठा रही थी, बल्कि अपने परिवार के भरण पोषण में भी मां का हाथ बटा रही थी।
पीड़िता का आरोप है कि कोल्ड स्टोर में काम के दौरान 25 दिसंबर 2022 को कोल्ड स्टोर के मुनीम पिंकू उर्फ प्रमोद पुत्र अशोक निवासी मोहल्ला कटरा ने मौका पाकर मुझे कोल्ड स्टोर के गड्ढे में खींच लिया और मेरे साथ जबरन बलात्कार किया। इतना ही नहीं धमकी दी कि अगर किसी को घटना के बारे में बताया या पुलिस से शिकायत की तो वह मेरे इकलौते भाई व मां को जान से मार देगा। जिसके बाद डर व भय के कारण पीड़िता चुप रही, जिसका फायदा उठाकर उसने कई बार पीड़िता को डरा धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
इतना ही नहीं आरोपी प्रमोद ने बीते महीने 20 मई को उसे शाहजहांपुर बुलाया और फिर बरेली मोड़ के पास एक अंजान घर में ले जाकर एक बार फिर दुष्कर्म किया और जबरन शादी का दबाव बनाने लगा। जिसकी शिकायत पीड़िता द्वारा शाहाबाद कोतवाली में की गई, लेकिन बावजूद इसके पीड़िता की कोई सुनवाई नहीं हुई। 23 मई को एक अंजान युवक के साथ आरोपी प्रमोद की पत्नी दो अन्य महिलाओं के साथ पीड़िता के घर पहुंची और गाली गलौज व मारपीट करते हुए पीड़िता व उसकी माँ को कार्यवाही न करने के लिए धमकाने लगीं। जिसकी शिकायत भी पीड़िता द्वारा थाने में की गई, लेकिन फिर भी पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई और न ही मुकदमा पंजीकृत किया गया।
दर्ज कराया झूठा एससी एसटी एक्ट
पीड़िता ने बताया कि गाली गलौज और मारपीट की घटना के दो दिन बाद 25 मई को आरोपी प्रमोद व उसकी पत्नी ने कार्रवाई से बचने और दबाव बनाने के लिए उसके और उसकी मां व बहन के खिलाफ ही एससी एसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया, जिसकी जानकारी उसे 2 जून को लगी। वही पीड़िता का कहना है कि 1 जून को उसके द्वारा आईजीआरएस पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई थी, साथ ही साथ पुलिस अधीक्षक महोदय से मिलकर भी रिपोर्ट दर्ज कराने की गुहार लगाई थी।
परन्तु पुलिस के द्वारा पीड़िता की किसी भी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया और 4 जून को पुलिस ने उल्टा पीड़िता को थाने बुलाया और डरा धमकाकर पहले से लिखी रखी एक तहरीर पर जबरन दस्तखत करवा लिए और उसी तहरीर के आधार पर आरोपी पिंकू उर्फ प्रमोद के विरुद्ध धारा 354/506 आईपीसी में मुकदमा पंजीकृत कर लिया।
इतना ही नहीं स्थानीय पुलिस ने पीड़िता के दरवाजे पर एक नोटिस चस्पा कर दिया, जिसमें माननीय न्यायालय में धारा 164 सीआरपीसी के तहत बयान लेखबद्ध कराए जाने की बात पर जोर दिया गया था। जिसके लिए पीड़िता हमेशा से तैयार थी और लगातार पुलिस के संपर्क में थी। लेकिन नोटिस में पुलिस ने आरोपियों की मिलीभगत से लिख दिया कि पीड़िता को कई बार मौखिक रूप से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन पीड़िता उपस्थित नहीं हुई।
इस पूरे मामले में पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा उसे और उसकी माँ व बहन को झूठे एससी एसटी एक्ट के मुकदमें में जेल भेजने और विपक्षी को बचाने की कोशिश की जा रही हैं। आपसे अनुरोध है कि 164 सीआरपीसी अंतर्गत प्रार्थिनी का बयान माननीय न्यायालय में लेखबद्ध कराने और प्रार्थिनी के विरुद्ध दर्ज फर्जी एससी एसटी एक्ट के मुकदमे को खारिज कराने की कृपा करें।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.