ऋषिकेश- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में दिल्ली से डाॅक्टरेट आफ मेडिसिन (डीएम) की परीक्षा देने आई एक महिला चिकित्सक के माथे पर लगे तिलक को देखकर परीक्षक द्वारा अपमान जनक व्यवहार करने का मामला सामने आया है, जिसके बाद चिकित्सक पीड़ित चिकित्सक शालिनी मिश्रा ने प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पोर्टल पर लिखित शिकायत देकर अभद्र व्यवहार करने वाले परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला?
पीड़ित महिला चिकित्सक शालिनी मिश्रा ने बताया कि ऋषिकेश एम्स में डीएम सत्र के लिए उन्होंने 2021 में प्रवेश लिया था और कोरोना के चलते यह सत्र अप्रैल माह से शुरू हुआ था, जिसके बाद 4 दिसंबर को सत्र की अंतिम परीक्षा आयोजित की गई थी। साथ ही प्रयोगात्मक परीक्षा का भी आयोजन किया गया था, जिसके लिए बाहर के केन्द्र से दो परीक्षक आए थे। डाॅक्टर शालिनी ने बताया कि वह ब्राह्मण हैं और अपनी दिनचर्या के अनुसार अपने आराध्य देव को तिलक करने के बाद स्वयं भी रोज तिलक लगाती हैं और परीक्षा के दौरान भी तिलक लगाकर आई थी।
लेकिन दिल्ली एम्स से प्रयोगात्मक परीक्षा लेने आए परीक्षक डाॅक्टर शिवपाल यादव उनके तिलक देखकर भड़क गए और कहने लगे कि “क्या तुम तिलक लगाकर यह परीक्षा पास कर लोगीं, यह तिलक तुम्हें परीक्षा में फेल होने से नहीं बचा सकता। डाॅक्टर शालिनी ने कहा कि परीक्षक ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही उनका मनोबल तोड़कर उनकी भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया है, उन्होंने कहा कि परीक्षा के पहले ही परीक्षक यह कैसे कह सकता है कि वह फेल हो जाएगी। उनके इस व्यवहार के कारण वह मानसिक रूप काफी आहत हुई हैं।
वहीं इस पूरे मामले में एम्स प्रशासन की डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने कहा कि मामला प्रशासन के संज्ञान में आया है, इस संबंध में महिला चिकित्सक शालिनी मिश्रा द्वारा शिकायत भी प्राप्त हुई हैं। मामले की जांच की जा रहीं है, नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
संत समाज ने भी का कार्रवाई की मांग
बता दे कि ऋषिकेश एम्स में महिला चिकित्सक के साथ परीक्षक द्वारा किए गए व्यवहार पर संत समाज ने भी विरोध जताया है, जिसके बाद संत समाज ने केंद्र सरकार से परीक्षक शिवपाल यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की हैं। अखिल भारतीय संत समिति उतराखंड और विरक्त बैष्णव मंडल समिति ऋषिकेश के संस्थापक महामण्डलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज ने कहा कि एम्स में तिलक लगाने के कारण महिला चिकित्सक के साथ अभद्रता करने वाले परीक्षक के खिलाफ कठोर कार्यवाही हो। उन्होंने कहा कि तिलक सनातन धर्म की पहचान है, तिलक और महिला का अपमान सनातन धर्म का अपमान हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.