NCERT के दावे ‘मुगलों ने तोड़े गए मंदिरों को अनुदान देकर पुनर्निर्माण कराया’ के नहीं हैं सबूत: RTI

नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के द्वारा गलत इतिहास पढ़ाये जाने का मामला सामने आया है। जिसमें छात्र छात्राओं को गलत इतिहास उन्हें पुस्तकों में पढ़ाया जा रहा है और प्राचीनतम इतिहास को गलत जानकारी के साथ उसे पेश किया जा रहा है।

क्या है मामला आइए जाने:

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (NCERT) की 12वीं कक्षा में पढ़ाए जा रहे इतिहास के आधार को लेकर एक फिर से विवाद शुरू हो गया। दरअसल, 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक में एक पाठ में जिक्र है कि मुगल शासकों ने युद्ध के दौरान मंदिर को बनवाया था, लेकिन असलियत कुछ और ही मुगलों और औरंगजेब जैसे शासकों ने भारत में कई मंदिर, तीर्थ स्थल, और अन्य हिन्दू धर्म से जुड़े इतिहास को नष्ट कर दिया था। हालांकि Ncert के द्वारा बच्चों को एक गलत और भ्रामक इतिहास पढ़ाया जा रहा है।

दाखिल RTI में खुलासा:

Ncert के द्वारा पढ़ाये जा रहे गलत इतिहास और जानकारी को लेकर एक शख्स शिवांक वर्मा द्वारा RTI ( Right to information) दाखिल की गई। जिसमें भ्रामक जानकारी और गलत इतिहास पढ़ाये जाने को लेकर सोर्स और जवाब मांगा गया जिसके जवाब में परिषद के पास इस बारे में कोई भी सोर्स उपलब्ध और न ही जानकारी उपलब्ध हैं।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ:

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के द्वारा ये वाक्या कोई पहली बार नही हुआ है। Ncert के द्वारा कई बार गलत इतिहास और भ्रामक जानकारी छात्रों को पढ़ाई जा रही हैं। दरअसल 12 कक्षा की इतिहास की पुस्तक में मुगल शासकों और औरंगजेब के द्वारा मंदिर बनाये और मरम्मत किया जाना छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।

कुछ महीने पूर्व की बात है जब उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के सेंट्रल स्कूल में सातवीं क्लास के बच्चों को गलत महाभारत पढ़ाई जा रही हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताब में लिखा है कि जरासंध ने भगवान कृष्ण को युद्ध में हरा दिया था इस वजह से कृष्ण को द्वारका जाना पड़ा था जबकि जानकारों का मानना है ऐसा कुछ भी महाभारत में नहीं है। इस तरह की भ्रामक जानकारी और गलत इतिहास को पढ़ाया जा रहा है जिसका न तो कोई सोर्स हैं और न ही कोई जानकारी उपलब्ध हैं।

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