उन्नाव- उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले में मारपीट और एससी एसटी एक्ट के एक मामले में खुद वादी द्वारा अपने आरोपों से मुकरने पर अदालत ने आरोपी बनाएं गए व्यक्ति को दोषमुक्त कर दिया हैं और वादी को फटकार लगाते हुए सरकार की तरफ से मिली आर्थिक मुआवजा राशि को वापस करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दे कि जिले के औरास थाना क्षेत्र के पसियाना कस्वा निवासी हरिश्चन्द्र ने चार साल पहले 26 अप्रैल 2019 को पड़ोसी गाँव अहिराना निवासी राजकुमार माली के खिलाफ मारपीट, दांत से उंगली काटने और एससी एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। हरिश्चन्द्र का आरोप था कि नशे में धुत राजकुमार माली ने ठुकराना के पास उसके साथ गाली गलौज की और विरोध करने पर मारपीट करते हुए दांत से उंगली काट ली। वहीं बांगरमऊ के तत्कालीन सीओ अम्बरीश सिंह भदौरिया ने इस पूरे मामले में आरोपी बनाएं गए व्यक्ति के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।
जिसके बाद बीते दिनों मंगलवार को एससी एसटी न्यायालय में मामले की अंतिम सुनवाई हुई। जहां अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता मनोज कुमार पाण्डेय व जगन्नाथ कुशवाहा ने दलीलें रखीं। न्यायालय में अंतिम सुनवाई के दौरान वादी खुद अपने आरोपों से मुकर गया, जिस पर एससी एसटी न्यायालय की न्यायाधीश अल्पना शुक्ला ने आरोपी राजकुमार को दोषमुक्त कर दिया।
यह पहला मामला नहीं है, जब पीड़ित व्यक्ति खुद ही आरोप लगाकर न्यायालय में अपने आरोपों से मुकर गया। इसके पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पीड़ित व्यक्ति खुद सरकारी मुआवजा राशि लेकर अपने आरोपों से मुकर गया या फिर साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने ही आरोपी बनाए गए व्यक्ति को दोषमुक्त कर दिया।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.