गोंडा- उत्तरप्रदेश के गोंडा जिले में अस्पताल में नौकरी करने वाले एक ब्राह्मण युवक की मारपीट कर निर्ममता से हत्या कर दी गई हैं और हत्या को दुर्घटना दिखाने के लिए आरोपितों ने उसके शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था। मृतक के परिजनों ने अस्पताल के ही एक डाॅक्टर पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया हैं। वहीं इस पूरे घटनाक्रम को एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली के खाली ही हैं। पुलिस हत्या में शामिल एक भी आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई हैं।
परिजनों ने लगाया हत्या कर शव ट्रैक पर फेंकने का आरोप
बता दे कि मृतक के चाचा सुनील तिवारी ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनका भतीजा अंकित पिता अनिल तिवारी सर्कुलर रोड गोंडा स्थित नारायण हाॅस्पिटल में नौकरी करता था, जहां 25 जनवरी 2024 को किसी बात को लेकर अंकित और नारायण अस्पताल के संचालक डाॅक्टर दीपक सिंह के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। जिसके बाद डाॅक्टर दीपक सिंह ने अंकित के साथ मारपीट करते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी थी। जिसकी जानकारी खुद मृतक ने फोन करके अपने पिता को बताई थी।
मृतक के चाचा सुनील ने बताया कि झगड़े की जानकरी मिलतें मृतक के पिता अनिल रात के लगभग 9:30 बजे नारायण अस्पताल पहुंच गए और डाॅक्टर दीपक सिंह से अपने बेटे के बारे में पूछा तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। वहीं कुछ समय पश्चात डाॅक्टर दीपक सिंह ने फोन किया और बताया कि जी.आर.पी. गोंडा का फोन आया था, तुम्हारे बेटे अंकित की लाश रेलवे ट्रैक पर पड़ी हुई मिली हैं। जिसकी जानकरी लगते ही प्रार्थी, अपने परिजनों और गांव के अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचा गया, जहां अंकित की लाश पड़ी हुई थी। जिसे मौके पर मौजूद पुलिस वालो ने रेलवे ट्रैक से उठाकर किनारे पर रख दिया था।
परिजनों का आरोप है कि उन्होंने जब घटना स्थल के आसपास देखा तो उन लोगों ने पाया कि रेलवे ट्रैक से 100 मीटर दूर जगह-जगह पर खून की बूंदे पड़ी हुई थी। जिससे साबित होता है कि अंकित की हत्या डाॅक्टर दीपक सिंह व उसके साथियों द्वारा की गई हैं और बाद में लाश को किसी वाहन से लाकर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया। इतना ही नहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि आखिर बार फोन पर अंकित से बात करते समय आसपास मोटर साइकिलों की आवाज आ रहीं थी और अचानक से अंकित की आवाज आना बंद हो गई।
सरकार गूंगी बहरी हो गई है, कोई कार्रवाई नहीं हो रहीं
इस पूरे घटनाक्रम को 7 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस हत्या की गुत्थी को सुलझाने में असफल रहीं हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले में लापरवाही बरत रहीं है, पुलिस द्बारा अब तक एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया हैं। वहीं घर के इकलौते बेटे को खोने के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है, “उन्होंने कहा कि सरकार गूंगी बहरी हो गई, आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रहीं हैं।
इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल का कहना है कि उन्होंने खुद घटना स्थल का निरीक्षण किया हैं और जीआरपी पुलिस से पूरे मामले की जानकारी ली हैं। पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल के आसपास से साक्ष्यों को इकट्ठा किया गया है, इतना ही नहीं हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन किया गया हैं। साथ ही एसओजी टीम को भी मामले के खुलासे के लिए लगाया गया हैं। उन्होंने कहा कि हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.