रामपुर- एससी एसटी एक्ट के दुरूपयोग का ताजा मामला उत्तरप्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर से सामने आया है, जहां मारपीट और छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराने पर पीड़िता को फर्जी एससी एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देकर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। जिसके बाद पीड़िता की शिकायत पर मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने मंडलीय अपर आयुक्त द्वितीय की निगरानी में एक कमेटी का गठन कर दिया है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दे कि बिलासपुर के कृष्णानगर स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका ने प्रधानाध्यापक हरिराम दिवाकर पर मारपीट और छेड़खानी का आरोप लगाते हुए 12 अप्रैल को बिलासपुर कोतवाली पहुंच कर तहरीर दी थी, जिसके बाद स्कूल की शिक्षिका की तहरीर के आधार पर पुलिस ने प्रधानाध्यापक हरिराम के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर लिया था। इतना ही नहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद डीएम ने खुद अपने स्तर पर एक जांच कमेटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने स्कूल के प्रधानाध्यापक हरिराम दिवाकर को निलंबित कर दिया था।
फिलहाल यह पूरा मामला कमिश्नर तक पहुंच गया है, शिक्षिका ने कमिश्नर से शिकायत करते हुए बताया कि प्रधानाध्यापक हरिराम दिवाकर उसको झूठे एससी एसटी एक्ट के केस में फंसाने की धमकी दे रहा है। जिसके बाद शिक्षिका की शिकायत को गंभीरता से लेने के बाद कमिश्नर अपर आयुक्त द्वितीय सर्वेश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई है, इस टीम में एमडीए सचिव अंजूलता, अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह, एडी बेसिक बुद्ध प्रिय सिंह, उपमुख्य परीविक्षा अधिकारी राजेन्द्र गुप्ता को शामिल किया गया है।
कमिश्नर ने आगे बताया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है, जांच कमेटी 30 अप्रैल को गांव जाकर जांच करेगी। जहां कमेटी के सामने कोई भी अपनी बात रख सकता है, जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.