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रंगरलिया मनाने की मिली ऐसी सजा, डीएसपी से बना दिया हवालदार, जाने क्या है पूरा मामला?

उन्नाव- उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले में डीएसपी के पद पर पदस्थ कृपाशंकर कन्नौजिया कानपुर के होटल में एक महिला सिपाही के साथ रंगरलिया मनाते हुए पकड़े गए थे, जिसके बाद जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें डीएसपी के पद से हटाकर सीधे सबसे निचली रैंक का सिपाही बना दिया गया और गोरखपुर की 26वीं वाहिनी पीएसी पर तैनात कर दिया गया है। बता दे कि इस पूरी घटना के बाद यूपी पुलिस की पूरे प्रदेश में काफी किरकिरी हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने जांच के दौरान उनसे सारे चार्ज वापिस ले लिए थे और पुलिस कार्यालय से संबद्ध कर दिया था।

जानिए क्या है पूरा मामला?

बता दे कि पूरा मामला जुलाई 2021 के दौरान का है, जब उन्नाव जिले की बीघापुर सर्किल पर डीएसपी के पद पर तैनात कृपाशंकर कन्नौजिया एक महिला सिपाही के साथ होटल में रंगरलिया मनाते हुए रंगेहाथों पकड़े गए थे। आरोप है कि 6 जुलाई 2021 को उन्होंने इलाज के बहाने गोरखपुर जाने के लिए छुट्टी ली थी, साथ ही अपनी पत्नी को भी घर आने की खबर दे दी। लेकिन घर जाने की वजह वह एक महिला सिपाही के साथ रंगरलिया मनाने के लिए कानपुर के माल रोड स्थित एक होटल में अपने नाम से कमरा बुक करा कर होटल पहुंच गए और सीयूजी और अपना पर्सनल फोन दोनों बंद कर लिए।

इसी दौरान पति के काफी देर तक घर न पहुंचने पर जब उनकी पत्नी ने उन्हें काॅल किया तो उनके दोनों फोन बंद आए और वह घबरा गई, इसके बाद उन्होंने तत्कालीन उन्नाव एसपी आनंद कुलकर्णी को फोन कर चिंता व्यक्त की और कुछ अनहोनी होने की आशंका जताई। जिसके बाद एसपी ने सर्विलांस टीम को काम पर लगाया और उनकी आखिरी लोकेशन कानपुर के माल रोड स्थित एक होटल में मिली। इसके बाद कानपुर और उन्नाव की एक संयुक्त टीम होटल पहुंची तो पता चला कि डीएसपी साहब शाम पांच बजे से एक महिला के साथ कमरे में है।

घटना से संबंधित पूरी जानकारी एकत्रित करने और होटल का सीसीटीवी फुटेज चैक करने के बाद जब पुलिस टीम ने कमरे का दरवाजा खटखटाया तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला, जिसके बाद होटल के मैनेजर की सहायता से कमरे का दरवाजा खुलवाया गया। वहीं इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आने के बाद तत्कालीन सीओ कृपाशंकर कन्नौजिया को सस्पेंड कर दिया गया।

पहले भी रह चुके हैं सुर्खियों में

वहीं खबरों की माने तो कृपाशंकर कन्नौजिया गोंडा से तबादले के बाद उन्नाव भेजे गए थे, यहां बीघापुर सर्किल में पदस्थ रहते हुए उन्होंने बिहार थाने की महिला दरोगा को भी परेशान किया और उसे अभद्र मैसेज भेजे। महिला दरोगा के विरोध करने पर उसकी विभागीय फाइल खुलवा दी, परेशान होकर उसने अपना ट्रांसफर करवा लिया। उसी दौरान वह एक अन्य महिला सिपाही के संपर्क में आए और महिला के साथ नजदीकी संबंध बना लिए। अंतत: उनकी इन्हीं आशिकी मिजाज हरकतों ने उन्हें डीएसपी से सिपाही बना दिया।

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Kapil reports for Neo Politico Hindi.

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