विदिशा- मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में एक 15 वर्षीय नाबालिग के साथ 50 साल के अलताफ़ ने डरा धमका कर दुष्कर्म को अंजाम दिया हैं। इतना ही नहीं जब नाबालिग गर्भवती हो गई तो आरोपी अलताफ़ ने गर्भपात कर दिया और 7 महीने को भ्रूण को ले जाकर गाँव में फेंक आया। साथ ही नाबालिग को धमकी दी कि अगर घटना के बारे में किसी को बताया तो तुझे और तेरे परिवार को जान से मार दूंगा।
खबर यह भी है कि जब नाबालिग अपने परिवार के साथ शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंची, तो आरोपी अलताफ़ के रिश्तेदार और गांव का सरपंच अफशीस खान नाबालिग और उसके परिजनों को धमकाने पहुंच गए और दबाव बनाकर धमकी देने लगे कि पैसे लो और समझौता कर लो, नहीं तो गाँव में नहीं रह पाओगे।
वहीं नटेरन थाना प्रभारी सुदामा ठाकुर का कहना है कि मामला संगीन है, जांच चल रहीं हैं। आरोपी अलताफ़ के खिलाफ धारा 376, पास्को एक्ट, 313, 315 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया हैं। गाँव में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की तैनाती भी की गई हैं।
पीड़िता की दर्द भरी दास्तां, खुद नाबालिग की जुबानी
न्यूज़ एजेंसी भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग ने बताया कि 4 भाई और 2 बहनों वह सबसे छोटी हैं। पीड़िता ने बताया कि उसके पिता के पास थोड़ी बहुत जमीन है, लेकिन उससे 6 भाई-बहनों का भरण पोषण संभव नहीं हो पाता है। जिसके चलते उसके जमीन बटाई से दे देते है, माँ और पिता दोनों मजदूरी करते हैं। वहीं भाई भोपाल में रहकर काम करता हैं।
नाबालिग ने बताया कि उसके पिता ने अपनी जमीन गाँव के ही अलताफ़ उम्र (50) को बटाई पर दी है, इसी सिलसिले में उसका और उसके परिवार का घर आना जाना लगा रहता हैं। पीड़िता के अनुसार आरोपी अलताफ़ का घर हमारे घर के पास ही है, उसकी 4 बेटियां और 1 बेटा हैं। उसकी सबसे छोटी बेटी उसकी ही हम उम्र है, जिसके चलते उससे उसकी दोस्ती हो गई थी। होली, दीपावली या किसी अन्य तीज त्यौहार पर एक दूसरे के घर आना लगा रहता था।
नाबालिक ने बताया कि पहले तो सब कुछ नार्मल था, लेकिन कुछ समय पश्चात मेरी सहेली का पिता अलताफ़ मुझ पर बुरी नजर रखने लगा और मुझसे बात करने की कोशिश करने लगा। इसी बीच ढेड़ साल पहले जब वह घर पर अकेली थी, तब अलताफ़ आया और कहा कि उसकी बेटी ने उसे बुलाया हैं। जब घर जाकर देखा तो उसके घर पर कोई नहीं था, मैं वापस लौट रहीं थी कि अचानक अलताफ़ ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे खींचकर घर के अंदर ले गया और जबरन दुष्कर्म किया।
पीड़िता ने बताया कि जब उसने विरोध किया तो उसने एक छुरा दिखाकर कहा कि अगर किसी को कुछ बताया तो तेरा गला काट दूंगा और तेरे परिवार को भी नहीं छोड़ूँगा। जिसके बाद वह काफी डर गई और चुप रहीं, जिसका अलताफ़ फायदा उठाने लगा। जब भी उसके घर पर कोई नहीं होता था, वह मुझे घर बुलाता और दुष्कर्म करता। इसी बीच उसका गर्भ ठहर गया, लेकिन अलताफ़ ने उसे गोलियां खिला दी और एक बार पुनः उसने मार्च महीने में मुझे धमकी देकर बुलाया और फिर दुष्कर्म किया।
जिसके चलते एक बार फिर उसका गर्भ ठहर गया, मई महीने में मैने उसे गर्भ ठहरने की बात बताई। तो अलताफ़ बोला चिंता मत करो, मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा। समय बीतता गया और फिर एक दिन जब मैं घर पर अकेली थी, अलताफ़ मेरे घर आया और उसने गोलियां खिलाकर मेरा गर्भपात करा दिया और बच्चे को एक पन्नी में लेकर चला गया। इसके बाद उसकी तबियत बिगड़ती चली गई, अगले दिन 24 सितंबर को जब गाँव में बच्चा मिलने की खबर फैल गई तो मैने अपनी माँ को सब बता दिया। जिसके बाद वे मुझे थाने ले गए।
जिस पर भरोसा किया, उसने ही पीठ पर छुरा घोंप दिया
नाबालिग की माँ ने बताया कि उनकी बेटी इतने समय से कितना कुछ झेल रहीं थी और उन्हें भनक तक नहीं लगीं, उसने कभी बताया भी नहीं। जब उसने बताया तो वह उसकी बात सुनकर हैरान रह गई, जिल अलताफ़ पर हम इतना भरोसा किया उसने ही हमारी पीठ पर छुरा घोंप दिया। वह बेटी को लगातार जान से मारने की धमकी देता था, जिसके चलते वह चुप रहीं। अलताफ़ ऐसी घिनौनी हरकत करेगा हमने सोचा भी नहीं था।
पैसे लो समझौता कर लो- सरपंच अफशीस खान
पीड़िता के भाई ने बताया कि 24 सितंबर को माॅं का फोन आया और उन्होंने छोटी बहन के साथ हुई घटना के बारे में बताया तो मैं तुरंत ही घर पहुंच गया। हम थाने में शिकायत दर्ज कराने ही पहुंचे थे कि अलताफ़ का समधी और गाँव का सरपंच अफशीस खान आ गए और कहने लगे कि मामला शांत करो और समझौता कर लो जो होना था, वो हो गया। तुम लोग मुझे बोलते तो मैं बच्चे को कहीं दफना देता, अब तुम्हें गाँव में रहना है तो सुलह कर लो। नाबालिग के भाई ने बताया कि जब उसने विरोध किया तो वह भड़क गया और यह कहते हुए चला गया कि आखिरी मौका है, एक दो लाख रुपये लो और समझौता कर लो। वरना आगे क्या होगा, तुम जानो।
वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जिले के एसपी को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि मामले में वैधानिक कार्रवाई कर 3 दिन के भीतर FIR, मेडिकल रिपोर्ट और पीड़िता के बयान की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। साथ ही कहा कि पीड़िता की वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराएं और यह भी बताएं कि मामले में पंचायत के सरपंच और मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा समझौते के लिए दबाव बनाया गया है, तो की गई कार्रवाई से भी अवगत कराएं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.