इंदौर- मध्यप्रदेश के इंदौर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां करीब 3 साल पहले एक प्रेमिका ने अपने शादीशुदा प्रेमी के खिलाफ दुष्कर्म, गर्भपात कराने और धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। इस पूरे मामले में अब कोर्ट ने आरोपी प्रेमी को सभी आरोपों से बरी कर दिया है, जिसका आधार बना एक एग्रीमेंट। जो एफआईआर दर्ज होने से पहले शादीशुदा प्रेमी और प्रेमिका के बीच हुआ था।
एग्रीमेंट से खुलासा हुआ कि पीड़ित युवती यह बात पहले से जानती थी कि उसका प्रेमी पहले से शादीशुदा है और वह एक बच्चे का पिता भी है। इतना ही नहीं पीड़िता खुद का गर्भपात कराएं जाने के बाद भी अपने शादीशुदा प्रेमी के साथ आगे रहने को भी तैयार थी। लेकिन बाद में किसी कारणवश उसका मन पलटा और उसने एफआईआर दर्ज करा दी।
जानिए क्या था पूरा मामला?
बता दे कि 29 वर्षीय प्रेमिका ने 27 जुलाई 2021 को भंवरकुआ थाने में आरोपी प्रेमी चंद्रभान पंवार (उम्र 34) के खिलाफ दुष्कर्म, गर्भपात कराने और धमकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करवाई थी। पीड़ित युवती ने पुलिस को बताया कि वह प्रेमी चंद्रभान को 2019 से जानती है, अपने कजिन भाई के जरिए वह उसके संपर्क में आई थी। इसके बाद 2020 में दोनों की काफी बातचीत होने लगी और अफेयर हो गया। तब यह पता नहीं था कि प्रेमी चंद्रभान पहले से शादीशुदा है और उसने कभी यह अहसास भी नहीं होने दिया।
इसी बीच 25 अप्रैल 2021 को चंद्रभान ने उसे एक हाॅस्टल में बुलाया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाएं, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। लेकिन जब प्रेमी से शादी की बात की तो उसके द्वारा केवल आश्वासन दिया गया और विटामिन की गोली बताकर उसका गर्भपात करा दिया। इसके बाद इसी बात को लेकर दोनों में काफी झगड़ा भी हुआ, जिसमें उसने कबूला कि वह शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है। तो वह उसके साथ शादी तो नहीं कर सकता। वहीं एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में चालान पेश कर दिया।
हालांकि आरोपी चंद्रभान ने एफआईआर दर्ज होने के पहले ही प्रेमिका को एग्रीमेंट तैयार करके दिया था, जिसमें साफ-साफ लिखा था कि वह 7 दिन पत्नी के साथ तो 7 दिन उसके साथ रहेगा। जबकि एग्रीमेंट की लिखा पड़ी के एक महीने बाद एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। इसी आधार पर कोर्ट ने 25 अप्रैल को मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी प्रेमी को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।
एक एग्रीमेंट की मदद से हुआ सभी आरोपों से बरी
इस पूरे मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पता चला कि एफआईआर दर्ज करवाने से पहले ही 15 जून 2021 को प्रेमी और प्रेमिका के बीच एक एग्रीमेंट हुआ था। उस एग्रीमेंट को भी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने माना कि एग्रीमेंट से यह साफ होता है कि आरोपी प्रेमी और पीड़िता लिव इन रिलेशनशिप में थे, इतना ही नहीं पीड़िता को प्रेमी के शादीशुदा होने का पता चल चुका था। फिर भी वह एग्रीमेंट के जरिए प्रेमी के साथ रहने को तैयार हो जाती है और रिलेशनशिप को आगे बढ़ाती है।
कोर्ट ने आगे कहा कि शादीशुदा होने की जानकारी लगने और गर्भपात होने के बाद भी वह आरोपी प्रेमी के साथ रहती है और सहमति से संबंध बनाती है। तो ऐसी स्थिति में दुष्कर्म और गर्भपात के लिए आरोपी को दोषी नहीं माना जा सकता है। साथ ही जान से मारने की धमकी संबंधी कोई साक्ष्य कोट को नहीं मिले, जिसके बाद प्रेमी चंद्रभान को कोर्ट ने सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.