रीवा- बीते दिनों मध्यप्रदेश के रीवा जिले के रायपुर कुर्चलियान थाना क्षेत्र में रास्ता मांगने पर दलितों ने मिलकर एक बुजुर्ग ब्राह्मण अमरनाथ शर्मा के साथ मारपीट करते हुए उसे अधमरा कर दिया था और फिर उल्टा पीड़ित व्यक्ति के खिलाफ ही फर्जी एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कर दिया था। जिससे आक्रोशित अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने रीवा के पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित बुजुर्ग पर लगाए गए झूठे एससी एसटी एक्ट के मुकदमे की जांच कराए जाने की मांग की हैं।
जानिए क्या था पूरा मामला?
आपको बता दे कि रायपुर कुर्चलियान थाना क्षेत्र के खैरा गाँव निवासी अमरनाथ शर्मा, जो रीवा के सिचाई विभाग रीवा में कार्यरत हैं। बीते दिनों 28 जून को अपनी ड्यूटी से वापस लौट रहे थे, इसी दौरान रात के 9 बजे ग्राम गोरगांव 164 हरिजन बस्ती रौरा सब स्टेशन के पास राकेश साकेत के घर के सामने उसके रिश्तेदार दीपक साकेत व अन्य युवक रास्ते में आटो लगाकर शराब पी रहें थे।
जहां कुछ देर इंतजार करने के बाद जब बुजुर्ग अमरनाथ शर्मा ने आटो रोड से किनारे करने के लिए कहा, तो शराब पी रहें दलित युवकों ने गाली गलौज करते हुए लाठी व डंडों से हमला कर दिया। जिसके बाद आसपास के कुछ लोगों ने बीच बचाव कर पीडित को बचाया और घटना की पूरी जानकारी पुलिस को देते हुए पीड़ित को इलाज के लिए रायपुर स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया था। जहां आराम न लगने पर पीड़ित को रीवा के संजय गाँधी हाॅस्पिटल ले जाया गया और वहां से बुजुर्ग को नागपुर रेफर कर दिया था।
आश्चर्य तो तब हुआ जब रायपुर कुर्चलियान पुलिस ने इस पूरे मामले में पीड़ित की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और घटना के तीन दिन बाद मारपीट करने वाले आरोपियों की शिकायत पर पुलिस ने उल्टा पीड़ित के खिलाफ ही एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
ब्राह्मण महासभा ने एसपी को सौंपा ज्ञापन
वहीं इस पूरे मामले में एक बुजुर्ग ब्राह्मण के साथ मारपीट करने और पुलिस द्वारा तीन दिन बाद एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करने से आक्रोशित अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने रीवा जिले के एसपी से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें रायपुर कुर्चलियान थाना प्रभारी पुष्पेन्द्र यादव को तत्काल रूप से हटाने और मामले की निष्पक्ष जाँच कराते हुए पीड़ित पर दर्ज फर्जी एससी एसटी एक्ट को वापस लेने की मांग की गई हैं।
इतना ही नहीं ज्ञापन में आगे कहा गया कि अगर ब्राह्मण समाज के पीड़ित बुजुर्ग को न्याय नहीं मिला तो अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के द्वारा उग्र आदोंलन का रास्ता अपनाया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.