उत्तरप्रदेश- आजमगढ़ के इटौरा स्थित जिला कारागार में 10 कैदियों के HIV संक्रमित पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया हैं। जहाँ एचआईवी के एक साथ दस संक्रमित मिलने के बाद जेल प्रशासन इन कैदियों की हिस्ट्री पता लगाने में लगा हुआ है, तो वहीं जिला प्रशासन द्वारा कारागार में बंद अन्य कैदियों की भी जांच कराई जा रहीं हैं।
सभी कैदियों की जा रही जांच
जिला कारागार में एक साथ दस कैदियों के एचआईवी संक्रमित पाए जाने के बाद न्यायालय के आदेश पर सभी कैदियों की एचआईवी जांच करवाई जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितने और कैदी एचआईवी संक्रमित है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार करागार में इस समय कुल 2500 कैदी बंद है, जिसमें महिला व पुरूष दोनों कैदी शामिल हैं। जेल में चल रही एचआईवी जांच प्रक्रियां में कुछ कैदियों द्वारा हिचकिचाहट भी दिखाई गई हैं। जिसके चलते अब तक कुल 1322 कैदियों की ही जांच हो पाई है, जिसमें कुल 10 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार सभी दस एचआईवी संक्रमितो में किसी भी महिला कैदी के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है।
जबकि 5 कैदियों की कन्फर्मेशन टेस्ट के लिए जांच दूसरी बार लेब में भेजी गई है, जिसके बाद जेल प्रशासन इनकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। फिलहाल जेल प्रशासन में काफी हलचल मची हुई है और 10 कैदियों के एचआईवी संक्रमित होने का पता लगाया जा रह हैं।
संक्रमित खून या असुरक्षित यौन संबंध से होता है एचआईवी
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर सभी कैदियों की एचआईवी जांच कराई जा रही है, अब तक कुल 10 मरीजों की एचआईवी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। उन्होने बताया कि इन कैदियों को भी सामान्य कैदियों की ही तरह रखा जा रहा है और संक्रमण के हिसाब से दवाएं दी जा रही है।
इस दौरान अगर किसी संक्रमित में और कोई समस्या सामने आती है तो उसी हिसाब से उनका इलाज भी किया जायेगा। उन्होने बताया कि एचआईवी का खतरा दो प्रकार से होता है, पहला संक्रमित खून चढ़ाने से और दूसरा किसी के साथ असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने से संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.