देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक ब्राह्मण पुजारी की घर से बाहर निकाल कर धारदार हथियारों से बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोप है कि मंगलवार की शाम जब पुजारी अशोक चौबे मंदिर से पूजा कर घर लौटे तो गाँव के ही कुछ पासवान जाति के लोगों ने घर पर पथराव करते हुए लाठी, डंडों व धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें परिवार के कई लोगों सहित पुजारी गंभीर रूप से घायल हो गए। परिजन आनन फानन में घायल पुजारी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वहीं इस घटनाक्रम के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है, देर रात एएसपी डाॅ. भीम कुमार गौतम सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और घटना के संबंध में लोगों से जानकरी ली। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस ने अब तक हौसला पासवान समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं।
बता दें कि पूरा मामला भलुअनी थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है, जहां तेनुआ चौबे गाँव निवासी 60 वर्षीय पुजारी अशोक चौबे बारीपुर के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मंदिर में पुजारी थे और पूजापाठ का कार्य करते थे। मंगलवार को मंदिर में पूजा पाठ करने के बाद देर शाम वह अपने घर पहुंचे और दरवाजे के पास सोए हुए थे, इसी दौरान गाँव के ही हौसला पासवान व उसके परिवार के लोगों ने पुजारी के घर पर पथराव कर लाठी, डंडों व धारदार हथियारों से लैस होकर हमला कर दिया।
इस मामले की बारीकी जानने के लिए हमारी टीम पुजारी के घर पहुंची जहाँ एक पागल भीड़ पुजारी के खून की प्यासी थी। घर पहुँचने पर पुजारी के बड़े बेटे मिले जो शव को अग्नि देकर आये थे। पुजारी के सबसे बड़े बेटे ने बताया कि जिस समय घटना हुई वह दिल्ली जा रहे थे। रास्ते में घर से फोन आया कि पिता जी को गंभीर चोट आई है वापस आ जाओ। वह लखनऊ से वापस चल पड़े। यहाँ आकर देखा तो मोर्चरी में उनका शव पड़ा था। देख कर वह समझ गए कि उनके पिता अब नहीं रहे।
खून को प्यारी भीड़ ने घर से निकाल कर मारा
परिजनों से बातचीत के दौरान हमें उनके भांजे अजय पांडे भी मिले जिनकी दूकान से पूरा विवाद शुरू हुआ था। अजय ने बताया कि 29 अप्रैल को रात 12 बजे आरोपी हौसला पासवान और कुछ अन्य दलित समाज के युवक उनके दूकान पर जोर जोर से खटखटाने लगे। वह लगातार उन्हें जातिसूचक गालियां दे रहे थे।
अजय की पत्नी ने जब गेट खोला तो अश्लील हरकते करने लगे। पास में रहने वाले पुजारी अशोक चौबे ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उनसे मारपीट कर दी। उस दिन ही पुजारी के आँख में चोट आई थी लेकिन उन्होंने यह बात किसी को नहीं बताई। अगले दिन वह फिर मंदिर में चले गए।मंदिर से आने के बाद वह तहरीर लेकर थाने पहुंचे जहाँ SHO अर्चना सिंह ने उन्हें वापस लौटा दिया। उनसे कहा आप कल आइये। थाने से वापस आने के बाद करीब 40 लोगों की भीड़ उनके घर पर टूट पड़ी।
पत्थरों की बारिश ने डराया
मृतक पुजारी के छोटे पुत्र संदीप चौबे इस घटना में बुरी तरह घायल हुए और किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल हो पाए थे। संदीप चौबे ने बताया कि घर पर हमले के समय वह और पिता मौजूद थे। आरोपियों ने एकाएक पत्थरों की बारिश कर दी। वह बाहर निकले तो उनके सिर को फोड़ दिया गया। पिता बचाने पहुंचे तो भीड़ उन्हें खदेड़ कर अपने साथ ले गई। ऐसा लगा मानों वह उनके खून की प्यासी हो। पुजारी को पत्थरों से मारने के अलावा डंडो, चाकुओं और फरसे से तब तक मारा गया जब तक उनकी मौत नहीं हो गई। इसके बाद भीड़ उनके शव को छोड़ कर भाग निकली।
घायल बेटे की नहीं हुई FIR
मृतक के बेटे संदीप चौबे भी बुरी तरह घायल हुए हैं लेकिन उनकी FIR दर्ज नहीं हो सकी थी। उनके शरीर में गंभीर चोटे हैं। पुलिस ने FIR लिखने की बजाये उन्हें मामले में उलझाए रखा। वहीँ उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों के प्रति पुलिस ढ़ीला रवैय्या अपना रही है। कई लोगों को गिरफ्तार करने के बाद छोड़ दिया गया।
पुलिस की लापरवाही से गई पुजारी की जान
परिजनों का आरोप है कि विवाद होने के बाद पुजारी अशोक चौबे ने थाने में पुलिस को आवेदन भी दिया था, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद आरोपियों ने एकजुट होकर इस घटना को अंजाम दे दिया।
Neo Politico is a group of independent journalists who are trying to show what mainstream media is hiding. Our expansion and survival are heavily dependent on our readers’ support. Please help us in running our independent journalism. It also helps us to free our journalism from commercial and political influence.
UPI: NeoPoliticoEditor@okicici
Gpay/Paytm/Phonepe: 8800454121
OR Become a Patron! (Donate via Patreon)
Paypal: https://paypal.me/falanadikhana?locale.x=en_GB…
Kapil reports for Neo Politico Hindi.