उत्तरप्रदेश- अलीगढ़ के इगलास थाना क्षेत्र में एससी एसटी एक्ट के झूठे मुकदमों से परेशान होकर एक जाट परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इच्छा मृत्यु की मांग की है, पीड़ित परिवार का कहना है कि लंबे समय से फर्जी मुकदमों की मार झेलते-झेलते उनका पूरा परिवार बर्बाद हो गया हैं।
लगाएं इच्छा मृत्यु की मांग वाले पोस्टर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलीगढ़ दौरे से ठीक एक दिन पहले फर्जी एससी एसटी एक्ट के मुकदमों से परेशान होकर एक जाट परिवार ने अपने घर के बाहर पोस्टर लगाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इच्छा मृत्यु की मांग की है, जिसके बाद से ही जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं।
पीड़ित परिवार का कहना है कि हमारा दोष सिर्फ इतना है कि हम जाट है, हमारा कानून व्यवस्था के ऊपर से पूरी तरह से भरोसा उठ चुका हैं। हमारा पूरा परिवार लंबे समय से फर्जी एससी एसटी एक्ट के मुकदमों की मार झेलते झेलते बर्बाद हो गया है, अत: हमारे परिवार की संपत्ति को कब्जा कर पूरे परिवार को फांसी देने की कृपा करें।
वहीं पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पलाश बंसल का कहना है कि इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले परिवार के ऊपर महिला उत्पीड़न की गंभीर धाराओं एवं एससी- एसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत है, जिसकी विवेचना क्षेत्र के सीओ स्तर द्वारा की जा रही है। इस प्रकरण को भी संज्ञान में लिया गया है, जांच कर उचित कार्रवाई की जा रहीं हैं।
क्या है मामला?
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु की मांग करने वाला पीड़ित परिवार इगलास थाना क्षेत्र के हस्तपुर गाँव का निवासी है, जहां मुन्नी देवी के परिवार के ऊपर एससी एसटी एक्ट के 12 से अधिक मुकदमें दर्ज कराये गए हैं।
इतना ही नहीं पूरे मामले को देखते हुए बीते दिनों गाँव में एक महापंचायत का आयोजन किया गया था, जहां पुलिस ने महापंचायत का आयोजन करने वालों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर उचित न्याय का आश्वासन देकर पंचायत को खत्म करा दिया था।
वहीं महापंचायत में उपस्थित गाँव के लोगों का आरोप था कि एससी एसटी एक्ट का मुकदमें दर्ज कराने वाला दलित परिवार अब तक 40 लाख रूपये मुआवजा ले चुका हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.