पीलीभीत: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पीलीभीत पहुंचे एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष ने सवर्णों पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दलितों के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ और एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग सबसे ज्यादा सवर्ण समाज के लोग ही कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष डॉ रामबाबू हरित मंगलवार को पीलीभीत के रामा इण्टर कॉलेज ग्राउंड में भाजपा अनुसूचित मोर्चा जिला सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए।
अन्त में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ हरित ने अनुसूचित वर्ग के स्थानीय लोगो को आयोग के अधिकारों से सम्बंधित पूर्ण जानकारी प्रदान दी व बाबा साहेब के जीवन परिचय से लोगों को प्रेरित करते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया व उन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक कैसे उठावे ऐसा उनको बताया।
हरित ने विपक्ष की बुराई करते हुए बीजेपी राज में निषाद वोटरों के हितों की बात करते हुए बीजेपी के पक्ष में वोट देने की बात कही।
आगे उन्होंने सवर्णों पर आरोप लगाते हुए कहा कि दलितों के हितों के लिए बनाये सुरक्षा कानून (एससी एसटी एक्ट) का दुरूपयोग गाँव गाँव में सबसे ज्यादा सवर्ण समाज के लोग ही कर रहे हैं। शासन प्रशासन द्वारा बनाई जा रही सभी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ सवर्णों द्वारा लिया जा रहा है।
बाद में प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग करते हैं, जो भी हमारे संज्ञान में आते हैं हम उनके खिलाफ कार्रवाई भी करते हैं। कई लोगों के केस हमनें वापस भी कराए हैं। कासगंज में नेम सिंह नाम के व्यक्ति थे उनका गलत नाम लिख गया था हमनें कोर्ट से फाइल मंगवाकर वापस करवाया है।”
आगे कहा, “जो हमारे संज्ञान में आ रहे हैं उनमें कार्रवाई भी कर रहे हैं और पैसे भी वापस करा रहे हैं। हमारा मानना है कि इसमें जो सवर्ण समाज के लोग हैं वो दुरुपयोग ज्यादा करवाते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करा रहे हैं।”
पहले भी सवर्णों पर लगा चुके हैं आरोप
यह पहली बार नही है कि यूपी एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष रामबाबू हरित द्वारा सवर्णों पर एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है, पिछले महीने आगरा में आयोजित एक जनसभा में भी रामबाबू हरित ने बात करते हुए बताया कि एससी एसटी एक्ट का सबसे ज्यादा दुरूपयोग कुछ सवर्ण लोग करवा रहे हैं।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.