लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने आने चुनाव के लिए कमर कस ली हैं। चुनाव में ब्राह्मण वोटों को साधने के लिए बसपा प्रमुख मायावती ब्राह्मण सम्मेलन शुरू करेंगी।
यूपी में होने वाले चुनाव के चलते सभी चुनावी दलों में हलचल तेज हो गई है। चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बहुजन समाज पार्टी भी मैदान में आ गई हैं। ब्राह्मण वोटों को लुभाने के लिए बसपा प्रमुख मायावती ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत करने जा रही हैं। बसपा का ब्राह्मण सम्मेलन 23 जुलाई से अयोध्या से शुरू होगा।
बसपा द्वारा ब्राह्मण सम्मेलन की जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपी गई हैं। 23 जुलाई को सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या में मंदिर दर्शन से ब्राह्मणों को जोड़ने की शुरूआत करेंगे। सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पहले चरण में 23 जुलाई से 29 जुलाई तक लगातार छह जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन होंगे।
भाजपा के बहकावे में न आएं
चुनावी दाव पेच को लेकर बसपा प्रमुख मायावती 2007 की तरह ब्राह्मण सम्मेलन शुरू करने जा रहीं हैं। आगे उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि अब ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा के किसी भी तरह के बहकावे में नहीं आएंगे।
ब्राह्मण गुमराह होने वाला नहीं: भाजपा नेता
वहीं बसपा की इस घोषणा पर भाजपा के ब्राह्मण नेताओं ने भी पलटवार किया है। चित्रकूट के भाजपा विधायक आनंद शुक्ला ने कहा कि ब्राह्मण गुमराह होने वाला नहीं, वो भाजपा के साथ था, है और रहेगा। ब्राह्मण राष्ट्र को दिशा देने का काम करता है।
आगे विधायक ने कहा कि अन्य समाज के उत्थान में ब्राह्मण सदैव अपनी भूमिका का निर्वाहन करता है। सपा और बसपा की सरकारों में उपेक्षित हुआ है। समय आने पर दोनों ही दलों को भूमि पर लाने का काम किया है।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.