कोयम्बटूर: आइये जाने ट्री मेन के बारे में, पेशे से बस कंडक्टर हैं आखिर क्यों हैं चर्चा में हैंं।
चेन्नई के कोयम्बटूर में रहने वाले मारीमुत्थू योगनाथन इनका जन्म (1969) में हुआ था वह 12 वी तक पढ़े लिखे हैं पेशे से बस कंडक्टर हैं पिछले काफी दिनों से सुर्खियों में हैं योगनाथन अपनी एक अनोखी और शानदार पहल पौधरोपण और वन्य जीव संरक्षण को लेकर चर्चा का विषय बने हुए हैं।
बस कंडक्टर की अनोखी पहल:
बस कंडक्टर मारीमुत्थू योगीनाथन ने अपने जीवन के पिछले 32 साल से पौधे लगाने का काम कर रहे हैं। और 3 लाख से अधिक पेड़ लगाकर यह साबित कर दिया है कि अगर कोई समाज को सुधारने, उसको साफ-सुथरा रखने की इचछा रखता हो तो इसके लिए यह बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं है कि वह कोई समाज सेवी ही हो योगानाथन पिछले 18 सालों से तमिलनाडु राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएनएसटीसी) के लिए काम कर रहे हैं और मरूधामालाई-गांधीपुरम की 70 नम्बर की बस चलाते हैं।
योगनाथन ने एक इंटरव्यू में कहा है, ”मैं नागपट्टिनम के पास मइलादुथुरई का मूल निवासी हूँ. जब मैने अपनी स्कूल पढ़ाई पूरी की तब वहां मैं नीलगिरी डिस्ट्रिक्ट में सेल्समेन की जॉब करता था तभी से मैं नीलगिरी की सुंदरता से बहुत अधिक प्रभावित हुआ था। इसके बाद, योगनाथन का सिलेक्शन टीएनएसटीसी में एक कंडक्टर के रूप में हो गया और वह कोइमबटूर में शिफ्ट हो गए हालांकि, उन्होंने फिर भी पर्यावरण को बचाने के लिए अपने काम को बिना रोके जारी रखा।
सुनहरे अक्षरों में दर्ज नाम:
सीबीएसई कक्षा पांचवीं की जनरल नॉलेज की किताब में दर्ज है और ‘ग्रीन योद्धा’ के नाम से मशहूर हो गए हैं हाल ही में बेंगलुरु के एक आईएएस अफसर ने उनकी फोटो को ट्वीट कर उनके इस काम की सराहना की थी।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.