लखनऊ में पुलिस हिरासत में कारोबारी की मौत पर गरमाई सियासत: परिवार को मिला मुआवजा, विपक्ष ने उठाए सवाल

लखनऊ में पुलिस हिरासत में कारोबारी मोहित पांडे की संदिग्ध मौत ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मोहित के परिवार से मुलाकात कर उन्हें दस लाख रुपए का मुआवजा और बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का आश्वासन दिया। इस घटना के बाद से विपक्ष ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है।

अखिलेश यादव का तंज: “काश मुआवजे में जान भी वापस कर सकते”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “काश जान लेने वाले मुआवजे में जीवन भी दे सकते।” उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि दीवाली पर जिन्होंने किसी घर का चिराग बुझाया, वो झूठे दीये जलाकर झूठी रोशनी में अपने शासनकाल का अंधकार मिटाने की कोशिश न करें। अखिलेश ने यह भी पूछा कि हिरासत में मौत की इस घटना पर क्या सरकार दोषी पुलिसकर्मियों पर बुलडोजर चलाएगी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा: चोटों के निशान, मौत का कारण अस्पष्ट

मोहित पांडे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट में उनके सिर, हाथ, पैर और पीठ पर चोट के निशान दर्ज किए गए हैं। हालांकि, तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा की गई इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से मौत का कारण नहीं बताया जा सका। पोस्टमार्टम के बाद बिसरा को सुरक्षित कर लिया गया है और परिवार का आरोप है कि पुलिसकर्मियों की पिटाई के कारण मोहित की मौत हुई है।

परिवार का आरोप: “बीजेपी विधायक का करीबी है आरोपी”

मोहित के परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि जिस आदेश सिंह के साथ विवाद हुआ था, वह गोंडा के भाजपा विधायक अजय सिंह का करीबी है। परिवार ने बताया कि आदेश सिंह के चाचा ने मोहित को थाने में बुलाने और हिरासत में रखने के लिए दबाव डाला था। इस संबंध में उन्होंने आरोप लगाया कि मोहित को रात 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक बिना किसी अपराध के थाने में बंद रखा गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ी और उसकी मृत्यु हो गई।

पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया और चिनहट थाने के इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। इसके साथ ही दो एडिशनल SHO को भी हटा दिया गया है और इंस्पेक्टर स्तर के नए अधिकारी की नियुक्ति की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, और राज्य मानवाधिकार आयोग को पुलिस की कार्यप्रणाली पर रिपोर्ट भेजी गई है।

परिवार का विरोध: “पैसा मेरे किस काम का!”

मोहित की पत्नी ने सरकार द्वारा दिए गए मुआवजे का विरोध करते हुए उसे मोहित के शव पर रख दिया और कहा, “पैसा मेरे किस काम का!” इस हृदयविदारक दृश्य ने घटना की गंभीरता को और अधिक उजागर किया। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और भाजपा विधायक योगेश शुक्ला ने परिवार से मिलकर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया, वहीं विपक्षी दलों ने भी परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए अपने प्रतिनिधि भेजे। मोहित पांडे के परिवार ने सरकार से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।

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