देवरिया: गौरी बाजार थाना क्षेत्र में एक महिला पुलिसकर्मी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर, जिसमें गंभीर आरोप जैसे बलात्कार, गर्भपात, मारपीट, धमकी और आपराधिक धमकी शामिल थे, को उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। यह एफआईआर 15 फरवरी, 2024 को दर्ज हुई थी और अदालत के निर्देशों के बाद 25 लाख रुपये के समझौते के आधार पर मामले को समाप्त कर दिया गया है।
प्रेम संबंध में फंसा मामला: दो बार हुआ गर्भपात
अंकित सिंह और अंशिका यादव, जो कि एक पुलिस कांस्टेबल हैं, के बीच लगभग 4-5 वर्षों से प्रेम संबंध थे। इस दौरान शिकायतकर्ता अंशिका यादव दो बार गर्भवती हुईं, एक बार अप्रैल 2022 में और दूसरी बार सितंबर 2022 में, और दोनों बार गर्भपात कराया गया। एफआईआर में जबरदस्ती गर्भपात का कोई उल्लेख नहीं था, लेकिन बलात्कार सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए गए थे।
अदालत में सुलह: 25 लाख के भुगतान पर हुआ समझौता
मामला अदालत में पहुंचने पर 20 मार्च 2024 को इसे मध्यस्थता केंद्र भेजा गया, जहां दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ। समझौते के अनुसार, अभियुक्त अंकित सिंह को शिकायतकर्ता अंशिका यादव को कुल ₹25 लाख की राशि का भुगतान करना था। 23 जून 2024 को ₹12.50 लाख की राशि दो डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से दी गई और बाकी राशि एफआईआर के निरस्तीकरण के समय दी गई।
समझौते की प्रमुख शर्तें: विवाद का अंत
समझौते के अनुसार, अभियुक्त अंकित सिंह ने शिकायतकर्ता अंशिका यादव को ₹25 लाख की कुल राशि देने पर सहमति जताई। साथ ही, दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति दी कि एफआईआर रद्द होने के बाद कोई भी पक्ष आपत्ति नहीं उठाएगा। इसके अतिरिक्त, विवाद से जुड़े सभी मामलों को वापस लिया जाएगा और भविष्य में इस विवाद को लेकर कोई नया मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। यदि समझौते का कोई भी पक्ष उल्लंघन करता है, तो पीड़ित पक्ष को कानूनी कार्रवाई का अधिकार रहेगा।
अदालत का निर्णय: एफआईआर रद्द
अदालत ने दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते को ध्यान में रखते हुए एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया। न्यायालय ने पाया कि शिकायतकर्ता और अभियुक्त के बीच संबंध सहमति से बने थे और जबरदस्ती का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं था। शिकायतकर्ता एक पुलिस कांस्टेबल होने के कारण कानूनी पहलुओं को भली-भांति समझती थीं।अदालत ने सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न पूर्व मामलों का हवाला देते हुए एफआईआर को रद्द कर दिया। यह निर्णय दोनों पक्षों के बीच के विवाद को समाप्त कर उनके लिए राहत का कारण बना।प्रेम संबंध में उत्पन्न विवाद और गंभीर आरोपों के बाद, अदालत ने समझौते के आधार पर मामला खत्म कर दिया।