मथुरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मथुरा में 10 दिन का प्रवास राजनीतिक हलचलों के केंद्र में है। संघ प्रमुख मोहन भागवत यहां आकर यूपी के 2027 विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। संघ का मुख्य उद्देश्य जातिवाद से ऊपर उठकर हिंदुत्व को मजबूती देना और नए युवाओं से लेकर मुस्लिम समुदाय को भी इस मिशन में शामिल करना है। इसी के तहत भाजपा के लिए एक ऐसा रोडमैप तैयार किया जा रहा है, जो आने वाले चुनाव में पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो।
योगी और भागवत की गुप्त बैठक
मथुरा में मोहन भागवत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 2 घंटे की बैठक भी चर्चा में रही। माना जा रहा है कि दोनों ने बंद कमरे में यूपी की चुनावी रणनीति पर गहन चर्चा की। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को जो नुकसान हुआ था, उससे सबक लेते हुए अब संघ के एजेंडे पर काम करने का फैसला लिया गया है। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संघ की इस योजना को सिरे से लागू करने की तैयारी चल रही है।
जाति का बंटवारा रोकने के लिए ‘राष्ट्र भावना’ का फार्मूला
संघ का फोकस इस बार जातियों में बंटे हिंदू समाज को एकजुट करने पर है। इसके लिए RSS घर-घर जाकर लोगों को राष्ट्र भावना से जोड़ने का काम करेगा। प्रचारकों का मानना है कि जब लोग देश के लिए काम करेंगे, तो जातिगत भेदभाव धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। यह फॉर्मूला चुनाव में भाजपा के लिए बड़ा फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे वोट बैंक में बिखराव नहीं होगा।
मुस्लिम समाज को जोड़ने का प्रयास: बड़ी आबादी से जुड़ने का प्लान
RSS का एजेंडा इस बार सिर्फ हिंदू समाज तक सीमित नहीं है। संघ का मानना है कि मुस्लिम समाज को भी राष्ट्र निर्माण के इस अभियान से जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए संघ की जिम्मेदारी ‘राष्ट्रीय मुस्लिम मंच’ को सौंपी गई है, जो मुस्लिम समाज को शिक्षित करने और उन्हें सही दिशा दिखाने पर काम करेगा। मदरसों की शिक्षा और उच्च शिक्षा के बीच के अंतर को पाटने का प्रयास भी इसमें शामिल होगा, ताकि मुस्लिम समाज भी राष्ट्र के विकास में बराबर की भागीदारी निभा सके।
महिलाएं बनेंगी सशक्त समाज की धुरी
RSS की महिला विंग ‘राष्ट्र सेविका समिति’ को इस बार बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें समाज में आगे लाने का संघ का मिशन जारी है। संघ का मानना है कि परिवार की पहली शिक्षा मां से मिलती है, और अगर महिलाएं शिक्षित और सशक्त होंगी, तो परिवार और समाज दोनों ही मजबूत होंगे। इस विचारधारा के जरिए संघ महिलाओं को राष्ट्र निर्माण में सशक्त भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
97 हजार गांवों तक पहुंचेगी संघ की शाखाएं
RSS का बड़ा प्लान 97 हजार गांवों में अपनी शाखाओं को फैलाने का है। इन शाखाओं के जरिए संघ युवाओं को अनुशासन, व्यायाम और आत्मरक्षा के गुर सिखाएगा। इसके साथ ही शाखाओं के माध्यम से भारतीय संस्कृति और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का काम भी होगा। संघ का मानना है कि यह अभियान युवाओं को इंटरनेट और अपराध की दुनिया से दूर रखने में मददगार होगा, और उन्हें राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार करेगा।
2027 के लिए तैयार हो रहा संघ का बड़ा रोडमैप
संघ का यह मंथन और रणनीति सीधे तौर पर 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव पर केंद्रित है। भाजपा को जातिवादी राजनीति से ऊपर उठकर एक व्यापक हिंदुत्व के एजेंडे पर काम करना है। संघ की इस योजना से भाजपा को न सिर्फ नए वोटरों का समर्थन मिलेगा, बल्कि जातिगत ध्रुवीकरण से भी छुटकारा मिलेगा।