मथुरा: प्रसिद्ध असकुंडा घाट पर मकर संक्रांति के दिन एक शर्मनाक घटना ने सबका ध्यान आकर्षित किया। यमुना में आचमन कर रहे ब्रजवासियों के साथ न केवल मारपीट की गई, बल्कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए 2 हजार रुपये की जबरन मांग और जातीय गालियां देकर तनाव बढ़ाने की कोशिश की गई।
धार्मिक आचमन बना विवाद का कारण: पैसे और गालियों की मांग
घटना दिनांक 14 जनवरी 2025, दोपहर लगभग 2 बजे की है। शरद चतुर्वेदी, उनके भाई सचिन चतुर्वेदी, और दो मित्र विकास व जितेंद्र चतुर्वेदी जब यमुना जी में आचमन कर रहे थे, तब दो युवकों ने चमड़े की चप्पल पहने हुए यमुना जल में खड़े होकर जल को अपवित्र करने का काम शुरू कर दिया। शरद चतुर्वेदी ने जब इस कृत्य का विरोध करते हुए युवकों से जल को पवित्र रखने की अपील की, तो उन्होंने यमुना माता और सभी ब्रजवासियों को गाली-गलौज की। उन्होंने कहा, “भोसड़ी वालों, दो हजार रुपये दो नहीं तो इसी तरह जल को अपवित्र करेंगे।”
आवाज देकर और बुलाए साथी, ब्रजवासियों पर जानलेवा हमला
जब ब्रजवासी इस गलत हरकत का विरोध करने लगे और पुलिस को बुलाने का प्रयास किया, तो युवकों ने शोर मचाकर अपने चार-पांच साथियों को बुला लिया। इसके बाद उन लोगों ने लाठी-डंडों और सरियों से हमला करना शुरू कर दिया। हमले में शरद चतुर्वेदी के भाई सचिन चतुर्वेदी को गंभीर चोटें आईं। शरद और उनके साथी भी घायल हुए। इसी दौरान एक हमलावर ने शरद की दो तोले सोने की चेन तोड़कर लूट ली, जो घटना स्थल पर ही गिर गई। वहां से वे अपनी जान बचाकर भागने में सफल रहेI इस मारपीट के दौरान न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई, बल्कि चतुर्वेदी समुदाय को गालियां देकर जातीय तनाव बढ़ाने की कोशिश की गई। घाट पर उपस्थित अन्य लोगों ने भी यह सब देखा और घटना के बाद आक्रोश व्यक्त किया।
पुलिस से मांग: दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो
पीड़ित पक्ष ने इस घटना की रिपोर्ट थाना कोतवाली, मथुरा में दर्ज कराई है। पुलिस को दी गई तहरीर में घटना का पूरा विवरण देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। शरद चतुर्वेदी, जो स्वयं एडवोकेट हैं, ने आरोप लगाया कि यह घटना केवल व्यक्तिगत हिंसा तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें धार्मिक और जातीय भावनाओं को चोट पहुंचाने का भी गहरा उद्देश्य था। इस घटना के बाद घाट पर मौजूद ब्रजवासी और अन्य लोग नाराज हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि घाट जैसे पवित्र स्थलों पर इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन से इन मामलों में सख्त कदम उठाने की मांग की गई है।
जांच जारी
थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। आरोपी युवकों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाएगी। यह घटना यमुना जी जैसे पवित्र स्थल पर हुई, जहां धार्मिक आस्था और परंपराओं को अत्यधिक सम्मान दिया जाता है। इस मामले ने न केवल धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचाया है, बल्कि समाज में जातीय और सांप्रदायिक सौहार्द को भी हिला दिया है। अब सभी की निगाहें पुलिस और प्रशासन पर हैं, ताकि दोषियों को सजा देकर न्याय और धार्मिक गरिमा बहाल की जा सके।