UP: चमार जाति के लोगों ने सरस्वती मूर्ति तोड़ी, अंबेडकर के बगल में किया था स्थापित, आरोपी नहीं हुए गिरफ्तार

चंदौली: जिले के ग्राम पगही में बसंत पंचमी के अवसर पर स्थापित माँ सरस्वती की प्रतिमा को तोड़ने का मामला सामने आया है। यह घटना तब हुई जब यादव और प्रजापति समाज के लोगों ने काली माता मंदिर परिसर में माँ सरस्वती की मूर्ति स्थापित की और विधिपूर्वक पूजन-अर्चन किया। इसी स्थान पर हरिजन समाज के लोगों द्वारा पहले से डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई थी।

सरस्वती पूजा को लेकर विवाद, फिर मूर्ति तोड़फोड़

स्थानीय लोगों के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर पूरे विधि-विधान से पूजा की गई थी। पूजा स्थल पर लाउडस्पीकर लगाकर भजन-कीर्तन और पूजन किया जा रहा था। इसी दौरान हरिजन समाज के कुछ लोगों ने लाउडस्पीकर पर आपत्ति जताई और इसे बंद करने की मांग की। पूजा समिति ने आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए पूजा जारी रखी, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। रात में अराजक तत्वों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा को तोड़ दिया और पूजा स्थल पर रखे पूजन सामग्री को भी तहस-नहस कर दिया। इस घटना के बाद गाँव में तनाव का माहौल बन गया और लोगों में रोष फैल गया।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विसर्जन कराया

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुँची। हालात को देखते हुए पुलिस ने रात में ही क्षतिग्रस्त मूर्ति का विसर्जन करा दिया ताकि माहौल और अधिक न बिगड़े। सुबह होते ही पुलिस ने पूरे मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली और आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।

मुख्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

इस मामले में पुलिस ने जाँच के बाद पाँच लोगों को मुख्य आरोपी बनाया है। इनमें पार्वती, जो लेखपाल की पत्नी हैं, को इस घटना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माना गया है। भीषम, जो मदन का पुत्र है, को भी आरोपित किया गया है। इसी प्रकार, सुरेंद्र, जो मराछु का पुत्र है, और हंसराज, जो रामसुरज का बेटा है, को भी इस तोड़फोड़ में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया है। राकेश, जो द्वारिका टेलर का पुत्र है, पर भी इस घटना में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

गाँव में तनाव, पुलिस ने बढ़ाई सतर्कता

मूर्ति तोड़फोड़ की घटना के बाद गाँव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। माहौल बिगड़ने से रोकने के लिए पुलिस ने गाँव में सतर्कता बढ़ा दी है और सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक या सामाजिक अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पूजा समिति के सदस्यों और गाँव के कई लोगों ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की माँग की है। वहीं, पुलिस मामले की गहन जाँच कर रही है और गाँव के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है।

ग्रामीणों की माँग – दोषियों पर हो कड़ी कार्रवाई

इस घटना के बाद गाँव में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। पूजा समिति और गाँव के वरिष्ठ लोगों ने प्रशासन से माँग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाएँ धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुँचाती हैं। वहीं, पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि मामले की पूरी जाँच की जा रही है और जल्द ही दोषियों को गिरफ़्तार कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल गाँव में पुलिस बल तैनात है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।

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