मथुरा: जिले के थाना नौहझील क्षेत्र के गांव उड़ियागढ़ी में बुधवार रात एक बड़ी घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। भगवान की प्रतिमा खंडित करने और मंदिर में तोड़फोड़ के कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
ग्रामीणों का आरोप: जानबूझकर की गई प्रतिमा खंडित
उड़ियागढ़ी गांव के लोगों का कहना है कि मंदिर में तोड़फोड़ और भगवान की प्रतिमा खंडित करने का काम सोच-समझकर किया गया है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि घटना में जाति विशेष के लोग शामिल हैं। उनकी मानें तो मंदिर की टाइल्स पर लगी भगवान की मूर्तियों को हटाकर वहां संविधान निर्माता और बुद्ध की तस्वीरें रख दी गईं। साथ ही आरोपियों ने देवी देवताओं की फोटो को आग भी लगा दी। नियो पॉलिटीको से बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि जाटव समाज के पांच युवकों ने यह हरकत की है जो घटना के बाद से फरार हैं।
तनाव का माहौल, गांव में पुलिस बल तैनात
घटना के बाद से गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। आक्रोशित ग्रामीणों ने इस हरकत को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और गांव में माहौल बिगाड़ने की कोशिश बताया। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया और स्थिति को नियंत्रित किया। थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि घटना के बाद एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
एसपी देहात ने दिया बयान: दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
मथुरा के एसपी देहात त्रिगुण विशेन ने कहा कि घटना के पीछे असामाजिक तत्वों का हाथ है। उन्होंने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और सभी संभावित कोणों से मामले की तहकीकात की जा रही है। गांव उड़ियागढ़ी, जो मथुरा और अलीगढ़ जिले की सीमा पर स्थित है, वहां के लोग घटना के बाद से बेहद आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर इस तरह की हरकतें माहौल खराब करने के उद्देश्य से की जा रही हैं।
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
घटना के विरोध में गांव के सैकड़ों लोग एकत्र हुए और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि अगर दोषियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे बड़े आंदोलन पर उतारू होंगे। गांव के लोगों का कहना है कि मंदिर और भगवान की मूर्तियों को खंडित करने से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने इसे सीधे तौर पर उनके धर्म पर हमला करार दिया।