क्या हिंदू होना अब जान का खतरा है? कश्मीर में नाम पूछकर सिर में गोली, कानपुर के शुभम की हत्या से देश ग़मगीन

पहलगाम: जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में कानपुर के एक नवविवाहित युवक शुभम द्विवेदी की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। आतंकी सेना की वर्दी में आए थे। नाम पूछकर ‘कलमा’ पढ़ने को कहा गया और फिर हत्या कर दी गई। पत्नी एशान्या ने बेसुध हालत में परिवार को फोन पर घटना की जानकारी दी। यह हमला न सिर्फ एक परिवार की खुशियों को उजाड़ गया, बल्कि पूरे देश को झकझोर गया है।

दो महीने पहले हुई शादी, परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे शुभम

शुभम द्विवेदी की शादी इसी साल 12 फरवरी को यशोदानगर निवासी एशान्या पांडेय से हुई थी। हनीमून और फैमिली ट्रिप के रूप में 17 अप्रैल को शुभम अपने माता-पिता, पत्नी, बहन-बहनोई और ससुराल पक्ष समेत कुल 11 लोगों के साथ कश्मीर गए थे। उनकी वापसी 23 अप्रैल को तय थी, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही तय कर रखा था। 21 अप्रैल को जब वे पहलगाम के बैसारन घाटी में पहुंचे, तो दिन में करीब 2:15 बजे आतंकियों ने हमला कर दिया। शुभम और उनकी पत्नी घुड़सवारी करते हुए ऊपर पहाड़ियों की ओर गए थे, जबकि बाकी परिवार नीचे था। अचानक गोलियों की आवाज आई और कुछ ही देर में शुभम की मौत की खबर आई।

आतंकियों ने पूछा नाम, पढ़वाया कलमा और फिर सिर में मारी गोली

शुभम की पत्नी ने परिवार को बताया कि आतंकी सेना की वर्दी में आए थे। सबसे पहले उन्होंने पर्यटकों से नाम पूछे, फिर उन्हें ‘कलमा’ पढ़ने को कहा। शुभम से भी उनका नाम पूछा गया और हिंदू नाम सुनते ही उसके सिर में गोली मार दी गई। पत्नी एशान्या वहीं बेहोश हो गईं, लेकिन आतंकियों ने उन्हें छोड़ दिया। जाते-जाते कहा—“जाओ अपनी सरकार को बताओ कि क्या किया हमने।” आतंक का यह चेहरा सिर्फ अमानवीय ही नहीं, बल्कि एक विशेष समुदाय के खिलाफ सुनियोजित नफरत का संकेत भी था।

घटना का वीडियो वायरल, परिवार ने शव की पहचान की

हमले के कुछ घंटे बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें घाटी के खुले मैदान में एक युवक की लाश पड़ी थी। पीछे एक महिला की चीख सुनाई दे रही थी—“मेरे पति को बचा लो…।” शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने इस वीडियो को देखने के बाद कहा, “यह हमारे भाई शुभम की लाश है, जिसे माथे में गोली मारी गई है।” उन्होंने यह भी बताया कि परिवार के कुछ अन्य सदस्य सुरक्षित हैं और वे वीडियो के जरिए ही इस भयावह घटना की पुष्टि कर पाए।

हमले में 26 पर्यटकों की मौत, लश्कर-ए-तैयबा ने ली जिम्मेदारी

इस आतंकी हमले में शुभम समेत कुल 26 लोगों की मौत हुई है, जिनमें एक इटली और एक इज़राइली नागरिक, दो स्थानीय निवासी और अन्य भारतीय पर्यटक शामिल हैं। हमले में 20 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। हमला करने वाले आतंकियों ने सेना की वर्दी पहनी हुई थी। वे गोलियां चलाते हुए नाम पूछते रहे और सिर पर निशाना साधते रहे। लश्कर-ए-तैयबा ने इस जघन्य वारदात की जिम्मेदारी ली है। हमले के बाद पहलगाम इलाके में सघन तलाशी अभियान और हवाई निगरानी शुरू कर दी गई है।

घर में मातम, पूरे शहर में शोक; नेताओं ने जताया दुख, कार्रवाई की मांग

कानपुर के श्यामनगर स्थित शुभम के घर में कोहराम मचा हुआ है। महिलाएं विलाप कर रही हैं, रिश्तेदारों और आसपास के लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। सभी की आंखें नम हैं और एक ही सवाल—“क्या सिर्फ हिंदू नाम होने से किसी की जान ली जा सकती है?” शुभम के पिता संजय द्विवेदी क्षेत्र के प्रमुख सीमेंट कारोबारी हैं और परिवार की राजनीति में भी मजबूत पकड़ है। भाई शैलेन्द्र द्विवेदी भाजपा नेता हैं। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कार्यक्रम रद्द कर शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा—“आतंकियों को छोड़ा नहीं जाएगा।” वहीं राहुल गांधी ने सरकार से जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने की मांग करते हुए कहा—“अब जवाबदेही ज़रूरी है।”

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