कर्नाटक में अब वकीलों में भी आरक्षण, 24 प्रतिशत सरकारी वकील SC ST वर्ग से होंगे

कर्नाटक: राज्य सरकार ने सरकारी वकीलों की नियुक्ति में बड़ा बदलाव करते हुए 24% आरक्षण लागू कर दिया है। इस आदेश के तहत 17% पद अनुसूचित जाति (SC) और 7% पद अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित होंगे। सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा शनिवार को जारी किए गए इस आदेश का उद्देश्य न्यायिक प्रणाली में हाशिए पर खड़े समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व देना है।

कांग्रेस सरकार की पहल

यह मुद्दा जून 2023 में तब चर्चा में आया, जब कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता संभाली। सत्ता में आते ही सामाजिक कल्याण विभाग ने इस पर गंभीरता से विचार किया। इसके बाद अक्टूबर 2024 में कानून विभाग ने अपनी राय दी कि सरकारी वकीलों की नियुक्ति में 24% आरक्षण कानूनी रूप से संभव है। इस राय के आधार पर सरकार ने अपने फैसले को अंतिम रूप दिया।

सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम

सरकार का मानना है कि इस फैसले से न्याय प्रणाली में वंचित समुदायों को बेहतर प्रतिनिधित्व मिलेगा। अभी तक सरकारी मामलों में SC/ST समुदाय के वकीलों की भागीदारी बेहद कम थी। यह फैसला सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव

सरकार अपने मामलों की पैरवी के लिए वकीलों को नामित करती है। अब से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन नामांकनों में 24% आरक्षण का पालन हो। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सामाजिक कल्याण और कानून विभाग आपसी समन्वय से काम करेंगे।

फैसले का व्यापक असर

इस कदम से SC/ST समुदाय के वकीलों को सरकारी मामलों में प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा, जिससे उनके करियर को नया आयाम मिलेगा। साथ ही, न्यायिक प्रक्रिया में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कुछ वर्ग इस फैसले का विरोध भी कर सकते हैं, यह कहते हुए कि इससे “योग्यता” के आधार पर चयन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। फिर भी, सरकार ने इसे सामाजिक सुधारों की दिशा में ऐतिहासिक फैसला बताया है।

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

बांग्लादेश में हिंदू साधु की गिरफ्तारी से भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव

Next Story

पाक में शिया-सुन्नी में खुनी झड़प, 124 की मौत, 170 घायल

Latest from NP रिपोर्ट