सुल्तानपुर: जिले के चांदा कोतवाली क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही का एक और उदाहरण सामने आया। सोनावा गांव में 36 वर्षीय प्राइवेट लाइनमैन सुनील दुबे की 11 हजार वोल्ट के करंट से मौत हो गई। सुनील, जो सोनावा मालियान के निवासी थे, बिजली के खंभे पर फॉल्ट ठीक करने के लिए चढ़े थे जब यह हादसा हुआ।
बिना पुष्टि के चालू की गई बिजली सप्लाई
स्थानीय लोगों के अनुसार, संविदा लाइनमैन ने फॉल्ट ठीक कराने के लिए ब्रेकडाउन की सूचना दी थी। लेकिन एसएसओ ने बिना पुष्टि किए बिजली सप्लाई चालू कर दी। इस लापरवाही का खामियाजा सुनील को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा। इस घटना के बाद मौके पर मौजूद दो अन्य लाइनमैन वहां से फरार हो गए। यह पहली बार नहीं है कि बिजली विभाग की लापरवाही ने किसी की जान ली है। कई बार फॉल्ट सुधारते समय उचित सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग के उच्च अधिकारियों की अनदेखी के कारण ऐसे हादसे होते रहते हैं।
शव तीन घंटे तक खंभे पर लटका रहा
घटना के बाद, करीब तीन घंटे तक सुनील का शव बिजली के खंभे पर लटका रहा। सूचना मिलने पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवीन्द्र कुमार सिंह और चौकी प्रभारी कोइरीपुर वेद प्रकाश शर्मा मौके पर पहुंचे। जेसीबी की मदद से शव को नीचे उतारा गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर समय पर कार्रवाई की जाती तो सुनील की जान बचाई जा सकती थी। ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए सीधे तौर पर विभाग को जिम्मेदार ठहराया।
प्रशासन और विभाग की लापरवाही
घटना की जानकारी के लिए जब बिजली विभाग के अवर अभियंता कोइरीपुर राम ललन पाल और एसडीओ चांदा अमित द्विवेदी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनका फोन नहीं लगा। यह विभागीय लापरवाही को और अधिक उजागर करता है। गांववालों और मृतक के परिवार ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सुनील दुबे की मौत ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की सुस्ती और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इन हादसों से सबक नहीं लिया जा रहा है।