गोरखपुर: घोष कंपनी चौराहे के पास बनी एक मस्जिद को गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने अवैध घोषित कर 15 दिन के भीतर हटाने का आदेश दिया है। GDA ने मस्जिद कमेटी को निर्देश दिया है कि वे खुद मस्जिद को ध्वस्त करें, अन्यथा प्राधिकरण कार्रवाई करेगा। इस फैसले के बाद मस्जिद कमेटी ने आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है और कमिश्नर कोर्ट में वाद दायर किया है।
GDA का दावा: अवैध निर्माण, नियमों का पालन नहीं
GDA के अनुसार, घोष कंपनी चौराहे पर नगर निगम की जमीन पर बनी इस मस्जिद का नक्शा पास नहीं कराया गया था। प्राधिकरण का कहना है कि इस तरह की इमारतों के निर्माण के लिए तय नियमों का पालन नहीं किया गया। हालांकि, मस्जिद कमेटी का दावा है कि यह मस्जिद पहले से ही मौजूद थी और इसे अवैध कहना गलत है। मस्जिद के मुतवल्ली के बेटे शुऐब अहमद ने इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी है। एडवोकेट जय प्रकाश नारायण श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है और जल्द सुनवाई की जरूरत है। 18 फरवरी को इस पर सुनवाई नहीं हो सकी, अब 25 फरवरी को इस मामले की सुनवाई होगी।
क्या कहती हैं दोनों पक्षों की दलीलें?
मस्जिद पक्ष का कहना है कि 1000 वर्ग फीट से कम क्षेत्रफल में नक्शा पास कराने की अनिवार्यता नहीं होती, लेकिन GDA का कहना है कि यह नियम केवल आवासीय भवनों पर लागू होता है, धार्मिक स्थलों पर नहीं। साथ ही, निर्माण के लिए सेटबैक (निर्धारित स्थान छोड़कर निर्माण करने) का नियम भी लागू होता है, जिसे मस्जिद निर्माण के दौरान अनदेखा किया गया। GDA ने 15 फरवरी 2025 को मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था और शुऐब अहमद के नाम पर नोटिस भेजा गया। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि अगर 15 दिन में खुद निर्माण नहीं हटाया गया तो GDA अपनी ओर से कार्रवाई करेगा।
मस्जिद को बचाने के लिए बढ़ी हलचल
इस आदेश के बाद से मस्जिद कमेटी कानूनी लड़ाई में जुट गई है। स्थानीय लोग भी इस मुद्दे को लेकर सक्रिय हो गए हैं और न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। अब सबकी नजर 25 फरवरी की सुनवाई पर टिकी है, जहां तय होगा कि मस्जिद बचेगी या फिर GDA अपना एक्शन लेगा।