संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब पुलिस ने स्थानीय अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वे शुरू किया था। सर्वे के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने विरोध जताया, जिसके बाद हिंसा का सिलसिला शुरू हो गया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। इस घटना के बाद पूरे संभल जिले में तनाव फैल गया, और प्रशासन ने स्थिति को काबू करने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की।
जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा, दो की जान गई
संभल के जामा मस्जिद में पुलिस द्वारा सर्वे किए जाने की घटना ने जिले में हिंसा का रूप ले लिया। अदालत के आदेश पर पुलिस और प्रशासन ने मस्जिद का सर्वे शुरू किया था, लेकिन जैसे ही यह प्रक्रिया शुरू हुई, स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध करने लगे। हिंसा का सामना कर रहे पुलिसकर्मियों और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किए, लेकिन भीड़ की संख्या और गुस्से को देखते हुए बवाल और बढ़ गया।
मस्जिद के पास कई घंटों तक हिंसा चलती रही, जिसमें दो युवक, नईम और बिलाल की मौत हो गई। इसके अलावा कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इन घटनाओं ने स्थानीय निवासियों के बीच भय और गुस्से को और बढ़ा दिया।
पुलिस पर पथराव, कई घायल
जैसे ही पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया, हिंसा ने और भी विकराल रूप ले लिया। हिंसक भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस के वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए और कई दुकानें तथा अन्य संपत्तियां भी लूटपाट का शिकार हुईं। पथराव के कारण पुलिस को मजबूरन अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा और पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। इस घटना से संबंधित 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सपा सांसद के क्षेत्र में भी तनाव, पथराव की घटनाएं
संभल हिंसा का असर सपा सांसद शाह नवाज खान के निर्वाचन क्षेत्र में भी देखने को मिला। यहां भी हिंसा और पथराव की घटनाएं हुईं। मुस्लिम समुदाय के लोग पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए। पथराव की घटनाएं प्रशासन के लिए नई चुनौती बन गईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कड़ी कार्रवाई की, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद, प्रशासन ने संभल और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाते हुए और अधिक पुलिस बल भेजा।
BJP और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप
संभल हिंसा के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया कि सपा सरकार के दौरान मस्जिदों के मामलों को अनदेखा किया गया और इस घटनाक्रम को भी राजनीति के कारण बढ़ावा मिला है। भाजपा ने यह भी कहा कि सपा हमेशा मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करती है और इस वजह से हिंसा जैसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता है। वहीं सपा के नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह धार्मिक भावनाओं को भड़काकर अपने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम देती है। सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि इस घटना की जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। भाजपा और सपा के बीच तीखी बयानबाजी के चलते राज्य में राजनीतिक माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया।
सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी
संभल में हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार शांति कायम रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी और दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलवाएगी। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले में पुलिस ने 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और कई अन्य की तलाश जारी है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन और पुलिस को इस बात का ध्यान रखना होगा कि किसी भी तरह की धार्मिक संवेदनाओं को ठेस न पहुंचे और इलाके में शांति बनी रहे। सरकार ने इस घटना को लेकर राज्य के सभी जिलों में स्थिति की निगरानी तेज कर दी है।