मथुरा: थाना जेत क्षेत्र के गांव बाटी में होली के दिन दो समाजों के बीच विवाद हो गया, जिसने अब बड़ा रूप ले लिया है। 14 मार्च को गुलाल लगाने को लेकर दो पक्षों में झड़प हो गई थी। दलित समाज ने आरोप लगाया कि श्रवण समाज के लोगों ने जबरदस्ती गुलाल लगाया, जबकि दूसरी ओर राजपूत समाज के नौ लोग इस झड़प में घायल हो गए। अब यह मामला एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमे तक पहुंच गया है। भीम आर्मी के दबाव में प्रशासन ने श्रवण समाज के 42 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। इस फैसले से श्रवण समाज में रोष है। इसके विरोध में रविवार को एक महापंचायत बुलाई गई, जिसमें प्रशासन को 2 दिन का अल्टीमेटम दिया गया कि अगर केस वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन होगा।
गुलाल से शुरू हुआ विवाद, झड़प में नौ लोग घायल
होली के दिन मथुरा के बाटी गांव में रंग खेलने के दौरान दो समाजों के बीच तनातनी हो गई। दलित समाज के लोगों का कहना था कि श्रवण समाज के कुछ लोगों ने जबरदस्ती गुलाल लगाया, जिससे विवाद हुआ। यह बहस झड़प में बदल गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस झगड़े में राजपूत समाज के नौ लोग घायल हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलों का इलाज अब भी जारी है। विवाद के बाद गांव में तनाव का माहौल है, और पुलिस लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है।
भीम आर्मी के दबाव में 42 लोगों पर SC-ST एक्ट में मुकदमा
झड़प के बाद मामला बढ़ता गया। भीम आर्मी ने प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू किया और इस घटना को दलितों पर अत्याचार बताया। उनके हस्तक्षेप के बाद जिला प्रशासन ने श्रवण समाज के 42 लोगों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। इस फैसले से श्रवण समाज के लोग आक्रोशित हो गए। उनका कहना है कि प्रशासन ने बिना जांच-पड़ताल के एकतरफा कार्रवाई की है। समाज के लोगों का आरोप है कि बिना ठोस सबूतों के सिर्फ दबाव में आकर मुकदमा दर्ज किया गया।
श्रवण समाज की महापंचायत: 27 मार्च को बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी
रविवार को मथुरा के राज छटीकरा रोड स्थित एक मंदिर में श्रवण समाज की महापंचायत बुलाई गई। इसमें गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र के विधायक ठाकुर मेघश्याम सिंह भी शामिल हुए। समाज के लोगों ने विधायक को ज्ञापन सौंपा और प्रशासन को 2 दिन का अल्टीमेटम दिया। महापंचायत में समाज के लोगों ने साफ कहा कि अगर 42 लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो 27 मार्च को जिला कलेक्ट्रेट पर डीएम और एसपी का घेराव किया जाएगा। सभा में मौजूद लोगों ने यह भी कहा कि यदि प्रशासन ने उनकी मांग नहीं मानी, तो 42 नहीं बल्कि 42,000 लोग जेल जाने को तैयार हैं। राजपूत समाज ने साफ कर दिया कि वे अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और इस मामले को उच्च स्तर तक ले जाएंगे।