दलित भाजपा चेयरमैन ने ब्राह्मण पत्रकारों को पिलाई पेशाब, नंगा कर पीटा, उल्टा दर्ज करा दिया SC/ST एक्ट

हमीरपुर: जिले के सरीला नगर पंचायत के भाजपा अध्यक्ष पवन अनुरागी पर आरोप है कि उन्होंने एक चौंकाने वाली घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि पवन अनुरागी ने ब्राह्मण समुदाय से आने वाले पत्रकारों अमित दिवेदी और शैलेंद्र मिश्र को घर बुलाकर उनसे मारपीट की, नंगा करके उन्हें पेशाब पिलाई और फिर धमकाया। इतना ही नहीं, घटना के बाद चेयरमैन ने इन पत्रकारों पर ही एससी/एसटी एक्ट और धमकाने का मामला दर्ज करा दिया। इस पूरी घटना के सामने आने के बाद स्थानीय पत्रकारों और समाज में आक्रोश का माहौल है, और वे इस मामले में निष्पक्ष न्याय की मांग कर रहे हैं।

चेयरमैन ने की दरिंदगी: पेशाब पिलाने का आरोप

पीड़ित के अनुसार चेयरमैन पवन अनुरागी ने दोनों पत्रकारों को कथित तौर पर एक साजिश के तहत अपने घर बुलाया और वहां उन्हें कमरे में बंद कर दिया। पत्रकारों का आरोप है कि कमरे में पहले से मौजूद पवन अनुरागी के समर्थकों ने अचानक दोनों पत्रकारों पर हमला कर दिया। आरोपियों में अखिलेश राजपूत, विक्रम यादव, नरेंद्र विश्वकर्मा, आरके सोनी, और चेयरमैन का भतीजा आकाश अनुरागी शामिल थे। इस दौरान पत्रकारों को न केवल बुरी तरह पीटा गया, बल्कि उन्हें अमानवीय व्यवहार करते हुए नंगा किया गया और मजबूर किया गया कि वे पेशाब पिएं।

घटना का वीडियो बनाया, बेइज्जती करने की साजिश

पत्रकारों का कहना है कि हमलावरों ने उन्हें नंगा करने के बाद इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया ताकि आगे जाकर उन्हें और अपमानित किया जा सके। यह सब तब हुआ जब पत्रकारों ने नगर पंचायत के स्वच्छता कार्यक्रम में कथित भ्रष्टाचार और लापरवाही की खबर लिखी थी, जिससे चेयरमैन पवन अनुरागी नाराज थे। आरोपियों ने पत्रकारों के हाथ में तमंचा भी थमाकर उन्हें फंसाने का प्रयास किया।

चेयरमैन का पलटवार: पत्रकारों पर ही दर्ज कराया मामला

पत्रकारों के खिलाफ पलटवार करते हुए चेयरमैन ने अपने भतीजे आकाश अनुरागी के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज कराई कि पत्रकारों ने उन्हें तमंचा दिखाकर धमकाया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, चेयरमैन ने दावा किया कि पत्रकारों ने उन्हें डराने और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया।

पत्रकारों ने जताई आपत्ति: जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की मांग

घटना के बाद, दोनों पत्रकार और अन्य पत्रकारों का एक समूह पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से मिला। उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई और चेयरमैन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को समझते हुए निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया और कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले की जांच की जाएगी।

भाजपा का संरक्षण चेयरमैन की ढाल?

स्थानीय लोगों का कहना है कि भाजपा के संरक्षण में चेयरमैन पवन अनुरागी बार-बार बच निकलते हैं। इससे पहले भी उन पर मारपीट और दबंगई के कई मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन हर बार वह राजनीति के सहारे बच निकलते हैं। अब देखना यह है कि इस बार पत्रकारों पर किए गए इस घिनौने अत्याचार के बाद प्रशासन उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करता है। पत्रकार समुदाय ने इस घटना के खिलाफ गहरी नाराजगी व्यक्त की है और मांग की है कि पत्रकारों को न्याय मिले। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारों के साथ ऐसा अन्याय स्वीकार्य नहीं है।

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