सीतापुर: जिले में शनिवार दोपहर एक सनसनीखेज वारदात सामने आई, जहां 36 वर्षीय पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाइक सवार बदमाशों ने ओवरब्रिज पर उनकी बाइक को टक्कर मारी, जिससे वे सड़क पर गिर गए। इसके तुरंत बाद हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं और मौके से फरार हो गए। फायरिंग की आवाज सुनकर मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायल पत्रकार को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम के दौरान राघवेंद्र के कपड़ों में एक गोली फंसी मिली, जिसे पुलिस ने बरामद किया।
ओवरब्रिज पर घातक हमला: परिजनों ने जताई पूर्व नियोजित हत्या की आशंका
घटना इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने ओवरब्रिज के पास हुई। हमलावरों ने पहले राघवेंद्र की बाइक को टक्कर मारी, जिससे वे संतुलन खोकर गिर पड़े। इसके बाद उन पर तीन राउंड फायरिंग की गई। गोली उनके सीने और कंधे में लगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हत्या के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। हालांकि, परिजनों का दावा है कि राघवेंद्र को 10 दिन पहले जान से मारने की धमकी मिली थी। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। पत्रकार की हत्या के बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण रंजन सिंह ने परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया।
पत्रकारों की सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल
राघवेंद्र के परिवार में उनकी पत्नी, 8 साल की बेटी अस्मिता और 10 साल का बेटा आराध्य हैं। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। महोली के भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी ने जिला अस्पताल पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं, पूर्व सपा विधायक अनूप गुप्ता और कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्कर्ष अवस्थी भी परिजनों से मिलने पहुंचे। घटना के बाद आईजी रेंज प्रशांत कुमार सीतापुर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने हमलावरों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और संभावित आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस अधीक्षक ने बताया, “हमलावरों की पहचान के लिए विभिन्न एंगल से जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।” पत्रकारिता पर बढ़ते हमले, क्या अब भी कलम की ताकत अपराधियों से बड़ी है? यह जघन्य हत्या एक बार फिर पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय लोग और पत्रकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और सरकार से दोषियों को जल्द सजा दिलाने की मांग की है।